इन्फ्लूएंजा और रेस्पिरेटरी इलनेस का प्रकोप चीन के बाद भारत में तेजी से फैल रहा है और इसे लेकर हेल्थ एंड फैमिली वेलफेयर सर्विसेज ने एडवाइजरी जारी की है, जिसमें इसे लेकर do's और don'ts बताए गए हैं।
हेल्थ डेस्क : चीन में बढ़ रहा इन्फ्लूएंजा का गंभीर प्रकोप अब तेजी से पूरी दुनिया में फैल रहा है। इसे लेकर WHO ने चिंता भी जाहिर की है। वहीं, भारत सरकार ने भी इसे लेकर एडवाइजरी जारी की है। यह वायरस खासकर बच्चों को प्रभावित कर रहा है, जो बच्चे स्कूल जाते हैं वह इससे सबसे ज्यादा इफेक्ट हो रहे हैं। ऐसे में आपको क्या करना चाहिए और क्या नहीं आइए हम आपको बताते हैं...
आम वायरस से कैसे अलग है इनफ्लुएंजा
सीजनल फ्लू और इन्फ्लूएंजा आम बीमारियों से अलग है। यह एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति को तेजी से फैलता है। इसके पार्टिकल्स छींकने, खासने और हाथ मिलाने से भी एक इंसान से दूसरे इंसान में जाकर संक्रमित कर सकते हैं। यह वायरस 5 से 7 दिनों तक एक्टिव रहता है। हेल्थ एंड फैमिली वेलफेयर सर्विस एडवाइजरी के मुताबिक नवजात शिशु, बुजुर्ग, प्रेग्नेंट महिलाएं और बच्चे इससे तेजी से संक्रमित हो सकते हैं।
सीजनल फ्लू या इन्फ्लूएंजा के लक्षण बुखार
ठंड लगना
भूख का काम होना
छींकना
सूखी खांसी होना
नोट- जब यह लक्षण तीन हफ्ते से ज्यादा बन रहे तो गंभीर स्थिति हो सकती है।
do's and don'ts
- सर्दी खांसी या जुखाम होने पर अपने मुंह और नाक को रुमाल या टिशु से कवर करें।
- हाथों को बार-बार साबुन और पानी से धोएं।
- आंख, नाक और मुंह को बेवजह छूने से बचें।
- भीड़भाड़ वाली जगह पर जाने से बचें या मास्क का इस्तेमाल करें।
- किसी भी व्यक्ति से कम से कम 6 फीट की दूरी बनाकर रखें।
- फिजिकल फिटनेस और नींद का ध्यान रखें।
- भरपूर मात्रा में पानी का सेवन करें और पोषण से भरपूर डाइट लें।
- पब्लिक प्लेस में थूकने से बचें।
- सीजनल फ्लू और इन्फ्लूएंजा से पीड़ित लोगों के संपर्क में आने से बचें और ऐसी जगह ट्रैवल करने से बचें।
इन्फ्लूएंजा होने पर क्या करें
- इन्फ्लूएंजा होने पर सबसे पहले अपने पास के गवर्नमेंट हेल्थ केयर सेंटर या अस्पताल जाकर चेकअप कराएं।
- घर पर रहे, बाहर घूमने जाने से बचें। बच्चों को स्कूल भी ना भेजें।
- इन्फ्लूएंजा से पीड़ित व्यक्ति को कम से कम 7 दिनों के लिए आइसोलेट करें।
- तीन हफ्ते तक इन्फ्लूएंजा के लक्षणों पर नजर रखें।
- कोई भी एंटीबायोटिक या अन्य दवा का सेवन खुद से ना करें। डॉक्टर के सलाह के बाद ही दवाइयों का सेवन करें।
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