Heart Attack सबसे बड़ा खतरा, युवाओं में 22% और महिलाओं में 8% की हुई वृद्धि

Heart Attack Ratio Increase in Youngsters and women: पिछले 15 वर्षों में दिल के दौरे के मामलों में 22% की वृद्धि हुई है। चौंकाने वाली बात तो ये है कि इसमें युवाओं और महिलाओं दोनों के प्रतिशत में चौंकाने वाला अंतर देखने को मिला है।

Shivangi Chauhan | Published : Aug 8, 2023 7:48 AM IST

हेल्थ डेस्क: हार्ट डिजीज के बारे में जितनी ज्यादा जानकारी हो उतना ही ज्यादा सही रहता है। कई बार हार्ट अटैक के शुरुआती लक्षण भी गलती से नजरअंदाज हो जाते हैं, क्योंकि ये किसी भी समय हो सकते हैं। खराब लाइफस्टाइल और खराब डाइट, हार्ट से जुड़ी समस्याएं पैदा कर सकती हैं, जिसमें हार्ट अटैक भी शामिल है। अब हाल ही में बेंगलुरु के जयदेव अस्पताल के निदेशक डॉ. सीएन मंजूनाथ ने हार्ट अटैक के खतरों का परसेंट लगातार बढ़ने की जानकारी दी है। उनका कहना है कि आज, हम अपनी युवा पीढ़ी में हृदय संबंधी बीमारियों में चिंताजनक वृद्धि देख रहे हैं। आंकड़े चिंताजनक हैं, पिछले 15 वर्षों में दिल के दौरे के मामलों में 22% की वृद्धि हुई है। आम धारणा के विपरीत, यह सिर्फ बुजुर्गों का मामला नहीं है, यहां तक कि 25 से 40 वर्ष की आयु के व्यक्ति भी दिल के दौरे का शिकार हो रहे हैं। साथ ही इस समूह की महिलाओं को 8% अधिक जोखिम का सामना करना पड़ता है।

डाइट और इंटेंस एक्टिविटी से हार्ट अटैक का खतरा

कन्नड़ अभिनेता विजय राघवेंद्र की पत्नी स्पंदन विजय राघवेंद्र की मृत्यु के बारे में मीडिया से बात करते वक्त डॉ. सीएन मंजूनाथ ने अनहेल्दी लाइफस्टाइल चॉइस और दिल के दौरे में वृद्धि के बीच संबंध पर बात की। डॉक्टर का कहना है कि युवा लोगों में तुरंत परिणामों की ओर झुकाव, अत्यधिक वर्कआउट हैबिट, फूड और इंटेंस एक्टिविटी का पालन उनके शरीर और विशेष रूप से उनके दिल पर अत्यधिक दबाव डाल रहा है। उन्होंने युवाओं को सलाह दी कि वे जरूरत से ज्यादा जिम और डाइटिंग न करें, इससे उनकी जान को खतरा हो सकता है।

थकान व सीने में जलन होते ही करें डॉक्टर से संपर्क

डॉ. मंजूनाथ ने कीटो जैसे जोखिम भरे आहार न अपनाने की सलाह दी है। इसके बजाय, उन्होंने प्रोटीन पाउडर पर बहुत अधिक निर्भर रहने के बजाय अंडे और अंकुरित अनाज जैसे पोषण के प्राकृतिक स्रोतों को चुनने का सुझाव दिया। ये फूड स्वास्थ्य विकारों को रोकने में मदद के लिए महत्वपूर्ण हैं। डॉक्टर का कहना है कि चलने के दौरान थकान, सीने में जलन, गले और जबड़े में दर्द जैसे लक्षणों का अनुभव करने वाले व्यक्तियों को तुरंत चिकित्सा सहायता लेना चाहिए। क्योंकि ये साइन अंतर्निहित रक्त वाहिका समस्याओं का संकेत दे सकते हैं।

धूम्रपान और शराब के सेवन से बचें

हृदय और फेफड़ों की समस्याओं को बढ़ाने वाली आदतों को संबोधित करते हुए, डॉ. मंजूनाथ ने अत्यधिक नशीली दवाओं के उपयोग, धूम्रपान और शराब के सेवन से बचने पर जोर दिया है। उन्होंने इन लक्षणों को गैस्ट्रिक समस्याओं के रूप में खारिज करने के प्रति आगाह करते हुए तुरंत डॉक्टर से परामर्श लेने की सलाह दी है। इन समस्याओं का सामना करने वाले व्यक्तियों के लिए नियमित जांच की सिफारिश भी की है।

हार्ट अटैक के खतरे को टालने के लिए ऐसा होना चाहिए भोजन

जब आहार की बात आती है, तो डॉ. मंजूनाथ ने गुणवत्ता और संयम के महत्व पर जोर दिया है। फास्ट फूड से दूर रहते हुए अधिक सब्जियों और फलों का सेवन करना महत्वपूर्ण है। उन्होंने युवा पीढ़ी को हेल्दी खान-पान की आदतों के बारे में जोर डालने को कहा है। क्योंकि मरने वाले अधिकांश लोग हाई ब्लड प्रेशर और तनाव से पीड़ित होते हैं और इसलिए उन्होंने सभी से तनाव मुक्त रहने व शांति से रहने का आग्रह किया है।

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