World No Tobacco Day 2023: स्मोकिंग है इतनी खतरनाक, महिलाएं नहीं हो पातीं प्रेग्नेंट तो कहीं बीमार पैदा होते हैं बच्चे

Smoking Affects Pregnancy: महिलाओं में धूम्रपान से प्रजनन अंगों की क्षमता पर हानिकारक प्रभाव डालते हैं। इससे से गर्भधारण की प्रगति और परिणाम भी प्रभावित होते हैं। जानें धूम्रपान का महिला की ओवरी और प्रेग्नेंसी पर क्या प्रभाव पड़ता है।

Shivangi Chauhan | Published : May 31, 2023 9:32 AM IST / Updated: May 31 2023, 03:42 PM IST

हेल्थ डेस्क: तंबाकू का सेवन करना बहुत ज्यादा हानिकारक होता है। धूम्रपान करने वाले लोगों के स्वास्थ्य पर तो तंबाकू बुरा असर डालता ही है साथ-साथ, इसके धुएं के संपर्क में आने वालों के लिए भी ये जानलेवा होता है। यह फेफड़े, हृदय और गले को नकारात्मक रूप से प्रभावित करता है। इसकी वजह से कैंसर के ट्यूमर, हृदय रोग, मधुमेह और क्रोनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज (COPD) हो सकती हैं। इसके अलावा आपको जानकारी हैरानी होगी कि धूम्रपान किसी के प्रजनन कार्य पर भी बुरा प्रभाव डाल सकते हैं।

जी हां, महिलाओं में सक्रिय और निष्क्रिय धूम्रपान दोनों, प्रजनन अंगों के कार्य करने की क्षमता पर हानिकारक प्रभाव डालते हैं। इसके परिणामस्वरूप रिप्रोडक्टिव सिस्टम से संबंधित कई तरह की बुरी स्थितियां देखने को मिल सकती हैं, जिससे उनकी प्रजनन क्षमता प्रभावित होती है। साथ ही धूम्रपान से गर्भधारण की प्रगति और परिणाम भी प्रभावित होते हैं। इस वर्ल्ड नो टोबैको डे पर आइए समझें कि धूम्रपान का किसी महिला की ओवरी और प्रेग्नेंसी पर क्या प्रभाव पड़ता है।

महिला के रिप्रोडक्टिव हेल्थ पर धूम्रपान का प्रभाव

ओवरी और मासिक धर्म की स्थिति: धूम्रपान के कारण हार्मोनल असंतुलन होता है, इससे ओवरी और मासिक धर्म डिसऑर्डर भी हो जाता है। जैसा कि महिलाओं में हाई टेस्टोस्टेरोन का स्तर पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम से जुड़ा हुआ है, जो अनियमित ओव्यूलेशन का कारण बनता है। एस्ट्रोजेन और प्रोजेस्टेरोन का लॉ लेवल अनियमित मासिक सर्कल का कारण बनते हैं।

रजोनिवृत्ति: मासिक धर्म सर्कल की पूर्ण समाप्ति को रजोनिवृत्ति कहते हैं। रजोनिवृत्ति के बाद नैचुरल गर्भावस्था संभव नहीं है। आमतौर पर 40 से 50 की उम्र तक महिलाओं में यह स्थिति देखने को मिलती है। धूम्रपान, ओव्यूलेशन के लिए उपलब्ध अंडों की कमी की दर को तेज करता है। इससे अंडाशय में अंडे क्षतिग्रस्त हो जाते हैं और उनकी संख्या कम होकर जल्दी रजोनिवृत्ति हो जाती है।

हार्मोनल असंतुलन: मानव शरीर में एक हार्मोन का रिलीज होना दूसरे हार्मोन के सीक्रेशन द्वारा नियंत्रित होता है। स्मोकिंग में पाए जाने वाले निकोटिन जैसे पदार्थ प्रजनन हार्मोन के लिए जिम्मेदार ग्रंथियों के कार्य को बाधित करते हैं। इन ग्रंथियों में थायरॉयड, हाइपोथैलेमस, पिट्यूटरी और एड्रिनल शामिल हैं। यह व्यवधान महिलाओं में कोर्टिसोल नामक तनाव हार्मोन और पुरुष हार्मोन टेस्टोस्टेरोन के स्तर को बढ़ाता है। आपको बता दें, कि कोर्टिसोल और टेस्टोस्टेरोन में स्पाइक को बांझपन से जोड़ा गया है।

धूम्रपान से होती हैं गर्भावस्था में जटिलताएं

भ्रूण का विकास: धूम्रपान से कार्बन मोनोऑक्साइड निकलती है जो कि केंद्रीय तंत्रिका तंत्र (CNS) को नुकसान पहुंचाने के अतिरिक्त गर्भाशय में भ्रूण के विकास में बाधा डालती है। इसकी वजह से बच्चे का सीमित विकास होता है और समय से पहले जन्म की संभावना अधिक होती है। साथ ही फेफड़े और मस्तिष्क के ऊतकों को भी नुकसान हो सकता है।

बच्चे के जन्म के बाद जटिलताएं: धूम्रपान करने वाली महिलाओं से पैदा होने वाले बच्चों का जन्म के समय वजन कम होता है। इन बच्चों में मोटापे, मधुमेह, अस्थमा और हृदय रोगों जैसी स्वास्थ्य संबंधी जटिलताएं के उच्च जोखिम भी होते हैं।

जन्म दोष: धूम्रपान करने वाली महिला में कटे होंठ या कटे तालु वाले बच्चों को जन्म देने की संभावना भी अधिक होती है। क्योंकि अंडे की गुणवत्ता पर धूम्रपान के नकारात्मक प्रभाव पड़ने से डाउन सिंड्रोम, टर्नर सिंड्रोम और क्लाइनफेल्टर सिंड्रोम जैसी आनुवंशिक असामान्यताओं वाले निषेचित अंडे हो सकते हैं।

और पढ़ें-  World No Tobacco Day 2023: विश्व तंबाकू निषेध दिवस पर इन Quotes से लोगों को करें जागरुक

30 मिनट वॉक करने से क्या मिल सकता है Flat Belly Abs? जानें क्या कहते हैं फिटनेस एक्सपर्ट

Share this article
click me!