
क्या आप भी अक्सर मोबाइल, चाबियां या चश्मा रखकर भूल जाते हैं और फिर घंटों ढूंढते रहते हैं? कभी-कभी भूलना आम बात है, क्योंकि थकान, तनाव या नींद की कमी से दिमाग ठीक से काम नहीं कर पाता। लेकिन अगर ये आदत रोजमर्रा की जिंदगी में दखल देने लगे, बार-बार एक ही सवाल पूछना या पास की चीज भी याद ना आना शुरू हो जाए, तो ये सिर्फ सामान्य भूलने की आदत नहीं बल्कि एक गंभीर बीमारी अल्जाइमर (Alzheimer’s Disease) का शुरुआती संकेत भी हो सकता है। अल्जाइमर को धीरे-धीरे बढ़ने वाली न्यूरोलॉजिकल बीमारी कहा जाता है, जिसमें दिमाग की कोशिकाएं नष्ट होने लगती हैं। आज हम समझेंगे कि सामान्य भूलने और अल्जाइमर से जुड़ी भूलने की आदत में क्या फर्क है? इस बीमारी के शुरुआती लक्षण क्या हैं? किन लोगों को ज्यादा खतरा है?
थकान, तनाव या नींद की कमी की वजह से चीजें अस्थायी रूप से भूलना हमेशा नॉर्मल कंडीशन कहलाती है। जैसे – बैग कहां रखा, किसी का नाम याद नहीं आ रहा लेकिन थोड़ी देर बाद याद आ जाता है। अल्जाइमर से जुड़ी भूलने की आदत में बार-बार वही सवाल पूछना, पासवर्ड/नाम/रोजमर्रा की जरूरी चीजें बार-बार भूलना और याद ना आना, यहां तक कि घर के रास्ते तक भुला देना भी शामिल है।
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अल्जाइमर एक न्यूरोलॉजिकल डिजीज है जिसमें दिमाग की कोशिकाएं (Brain Cells) धीरे-धीरे खराब होने लगती हैं। यह डिमेंशिया (Dementia) का सबसे कॉमन कारण है। इसमें amyloid-β और tau प्रोटीन का असामान्य जमाव मस्तिष्क में होने लगता है, जिससे याददाश्त, सोचने की क्षमता और रोजमर्रा की गतिविधियों पर असर पड़ता है।
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