
Sexual Activity Headache: कहा जाता है कि फिजिकल रिलेशनशिप बनाने के बाद सिरदर्द, तनाव सब दूर हो जाता है। लेकिन एक नए अध्ययन में खुलासा हुआ है कि पुरुषों में सेक्सुअल एक्टिविटी हेडेक या यौन गतिविधि से जुड़ा सिरदर्द महिलाओं की तुलना में लगभग दोगुना आम है। यह शोध सामान्य मिथक के बिल्कुल विपरीत है, जिसमें अक्सर यह माना जाता है कि महिलाएं केवल सिरदर्द का बहाना बनाकर यौन गतिविधि से बचती हैं।
इस दुर्लभ स्थिति को PHS (Primary Headache associated with Sexual activity) कहा जाता है। इसका मतलब है कि सिरदर्द यौन क्रियाओं के दौरान या तुरंत बाद होता है। अध्ययन में पता चला कि हेडेक क्लिनिक के रिकॉर्ड में 1.5 प्रतिशत पुरुषों को यह समस्या थी, जबकि महिलाओं में यह केवल 0.6 प्रतिशत थी।
PHS से पीड़ित लोग अक्सर बताते हैं कि यौन गतिविधि के दौरान या बाद में सिर में तेज धड़कन जैसी दर्द होती है। शोधकर्ताओं का मानना है कि इसका कारण “परफॉर्मेंस चिंता” (performance anxiety) हो सकता है। पोलैंड के जगिओल्लोनियन यूनिवर्सिटी के शोधकर्ता अलेक्जेंडर ओसिओव्स्की बताते हैं कि पुरुष अक्सर इस बात को लेकर चिंतित रहते हैं कि वे यौन क्रिया में ठीक प्रदर्शन कर पाएंगे या नहीं। इस चिंता के कारण उन्हें यह सिरदर्द हो सकता है और यही उन्हें डॉक्टर के पास जाने के लिए प्रेरित करता है। अध्ययन में जिन पुरुषों में सबसे ज्यादा दर्द की शिकायत देखी गई वो 30 के दशक में थे। इसका मतलब है कि यंग जनरेशन में ये ज्यादा देखने को मिल रहा है।
पिछले शोधों के अनुसार, यौन गतिविधि सिरदर्द को दूर करने में मदद कर सकती है, क्योंकि यह खुशी देने वाले हार्मोन को रिलीज करती है। लेकिन नए स्टडी में कुछ नया सामने आया है। डॉक्टर उन लोगों को चेतावनी देते हैं कि यदि सिरदर्द अचानक बहुत तेज हो (जिसे थंडरक्लैप हेडेक कहा जाता है) तो तुरंत इमरजेंसी केयर लेना आवश्यक है।
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हालांकि, डॉक्टर उन लोगों को चेतावनी देते हैं कि यदि सिरदर्द अचानक बहुत तेज हो (जिसे थंडरक्लैप हेडेक कहा जाता है) तो तुरंत इमरजेंसी केयर लेना आवश्यक है। इसके लक्षण है-
अगर सिरदर्द किसी दबाव, खांसी, व्यायाम या यौन गतिविधि से शुरू होता है, तो डॉक्टर के पास जरूर जाएं।
सिर में चोट के बाद अगर लक्षण बढ़ रहे हैं, तो भीतरू खून बहने की आशंका हो सकती है, इसलिए स्कैन जरूरी है।
यदि संक्रमण के कारण तेज सिरदर्द, गर्दन में जकड़न या न्यूरोलॉजिकल लक्षण (जैसे दौरे, भ्रम, बोलने में कठिनाई, शरीर के हिस्सों की गतिहीनता या बेहोशी) हों, तो मेंनिन्जाइटिस या एन्सेफेलाइटिस की जांच जरूरी है।
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