
हेल्थ डेस्क: बारिश या मानसून के मौसम में भुट्टे (Corn) की खूब बिक्री होती है। कॉर्न की न सिर्फ चाट बल्कि पकौड़े, सब्जी और कई तरह के स्नैक्स लोग बड़े चाव से खाते हैं। वैसे तो कॉर्न खाना फायदेमंद माना जाता है लेकिन डायबिटीज पेशेंट्स के लिए कॉर्न का सेवन परेशानी बढ़ा सकता है। भुट्टे में नेचुरल शुगर पाई जाती है। इसे खाने से ब्लड शुगर लेवल प्रभावित होता है। आपके मन में सवाल आ रहा होगा कि क्या डायबिटीज के पेशेंट कुछ मात्रा में मक्का खा सकते हैं? इसका जवाब है ‘हां’। आइए जानते हैं डायबिटीज के मरीज को कैसे भुट्टे का सेवन करना चाहिए।
अगर सीमित मात्रा में डायबिटीज पेशेंट भुट्टा या कॉर्न खाएं तो उनको किसी भी तरीके का नुकसान नहीं पहुंचता है। भुट्टे में फाइबर के साथ विटामिन, मिनरल्स और एंटीऑक्सीडेंट होते हैं। डायबिटीज के पेशेंट भुट्टे को ग्रिल करके या उबालकर खा सकते हैं। इसे सलाद या सब्जी के रूप में भी शामिल किया जा सकता है। भुट्टे में फाइबर की मात्रा अधिक होती है और इसमें उपस्थित शुगर भी धीरे-धीरे शरीर में प्रभाव डालता है। फाइबर की अधिक मात्रा के कारण कॉर्न शुगर ब्लड मे जाकर जल्दी असर नहीं दिखाता है।
डायबिटीज पेशेंट्स कॉर्न को विभिन्न प्रकार की सब्जी में जोड़ सकते हैं। ऐसा करने से शरीर में पोषक तत्व भी पहुंचेंगे और कॉर्न की अधिक मात्रा भी शरीर में नहीं जाएगी।
112 ग्राम कॉर्न में 16 ग्राम तक फाइबर होता है। भुट्टे में प्रमुख फाइबर जैसे हेमीसेल्यूलोज, सेल्यूलोज और लिग्निन अघुलनशील होते है। फाइबर अधिक होने के कारण ब्लड शुगर कंट्रोल में रहती है।साथ ही वेट लॉस में मदद मिलती है और हार्ट हेल्थ भी बेहतर बनती है।
नोट: डायबिटीज के पेशेंट को किसी भी चीज का सेवन करने से पहले डॉक्टर से सलाह जरूर लेनी चाहिए। कई बार अधिक ब्लड शुगर लेवल होने पर कुछ फूड्स खाने से डॉक्टर मना कर देते हैं।
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