Monkeypox Virus All You Need To Know: एमपॉक्स वायरस तेजी से फैल रहा है, जानें इसके लक्षण, कैसे पहचानें, किसे है सबसे ज्यादा खतरा और बचाव के तरीके।
हेल्थ डेस्क: एमपॉक्स वायरस दुनियाभर में तबाही मचा रहा है। अब तक 116 देशों में ये बुरी तरह से फैल चुका है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने भी हाई अलर्ट जारी कर दिया है। साल 2022 में इससे उभरने के बाद से एकबार फिर से प्रकोप जारी है। हाल ही में वैश्विक स्तर पर मामलों में बहुत ज्यादा वृद्धि दर्ज की गई है। वेस्ट, ईस्ट और सेंट्रल अफ्रीका में वायरस बुरी तरह फैल रहा है और अमेरिका, यूरोप में भी नए मामले पाए गए हैं। कहीं आप भी किसी पीड़ित के संपर्क में आकर इसका शिकार ना बन जाएं। इसलिए यहां जान लें इस वायरस के बारे में एक-एक बात।
एमपॉक्स वायरस के संकेत और लक्षण
एमपॉक्स का पता कैसे लगाएं?
- पीसीआर टेस्ट: त्वचा के घावों जैसे फुंसियों या पपड़ी से निकलने वाले द्रव के नमूनों पर पॉलीमरेज़ चेन रिएक्शन (पीसीआर) परीक्षण करके पता लगाएं।
- सीरोलॉजिकल टेस्ट: वायरस के खिलाफ एंटीबॉडी का पता लगाने के लिए अन्य ऑर्थोपॉक्सवायरस के साथ इसका यूज करते हैं। हालांकि क्रॉस-रिएक्टिविटी के कारण इसका आमतौर पर कम ही उपयोग किया जाता है।
एमपॉक्स से किसे सबसे ज्यादा खतरा?
1. संक्रमित लोगों के संपर्क में रहने वाले लोग: हेल्थ केयर वर्कर्स, परिवार के सदस्य या संक्रमित व्यक्ति के आस-पास रहने वाले लोगों को खतरा है।।
2. स्थानिक क्षेत्रों में रहने वाले लोग: ऐसे क्षेत्रों में रहने वाले या यात्रा करने वाले लोग जहां एमपॉक्स बहुत कॉमन है, जैसे कि सेंट्रल और वेस्ट अफ्रीका के कुछ हिस्से।
3. गर्भवती महिलाएं: गर्भवती माताओं को एमपॉक्स वायरस का खतरा ज्यादा होता है।
4. बच्चे: अपनी अंडर डेवलप इम्यूनिटी के कारण बच्चे बीमारी के गंभीर रूपों के प्रति ज्यादा संवेदनशील होते हैं।
5. कमजोर इम्यून सिस्टम वाले लोग: एचआईवी से पीड़ित व्यक्ति, कीमोथेरेपी से गुजर रहे लोग या कमजोर इम्यूनिटी वाले अन्य लोगों को गंभीर बीमारी का खतरा ज्यादा होता है।
Mpox का ट्रीटमेंट क्या है?
एमपॉक्स के लिए कोई विशिष्ट उपचार नहीं है, लेकिन उचित देखभाल लक्षणों को रोकने में मदद कर सकती है।
- दर्द और बुखार मैनेजमेंट: ओवर-द-काउंटर दर्द निवारक और एंटीपायरेटिक्स का उपयोग करना।
- हाइड्रेशन: निर्जलीकरण को रोकने के लिए पर्याप्त तरल पदार्थ का सेवन सुनिश्चित करना, खासकर अगर त्वचा के घावों से महत्वपूर्ण तरल पदार्थ का नुकसान होता है।
- एंटीवायरल दवाएं: गंभीर मामलों में एंटीवायरल ड्रग्स जैसे टेकोविरिमैट (ST-246) का उपयोग प्रोटोकॉल के तहत किया जा सकता है।
- घाव की देखभाल: जीवाणु संक्रमण को रोकने के लिए त्वचा के घावों की उचित देखभाल करना।