
Pregnant Women Diet Chart: मां बनना सौभाग्य की बात होती है। जब भ्रूण आपके पेट में पलने लगता है, तभी से महिला को अपने लाइफस्टाइल और खानपान में बदलाव ले आना चाहिए। सोने से लेकर जगने तक का एक बैलेंस रुटीन होना चाहिए। खाने पीने में तो बहुत ही सावधानी बरतनी चाहिए। क्योंकि आप जैसा खाएंगे उसका सीधा असर पेट में पल रहे बच्चे के डेवलपमेंट पर पड़ेगा। इसलिए डॉक्टर के बताए डाइट चाइट को पूरे 9 महीने फॉलो करना चाहिए। हम आपको यहां पर 12 ऐसे फूड के बारे में बताएंगे, जो खाने में टेस्टी होते हैं, लेकिन ये बच्चे के ग्रोथ पर निगेटिव असर डालते हैं।
डॉक्टर के मुताबिक प्रेग्नेंसी के कुछ महीनों तक कच्चा या फिर अधपका पपीता नहीं खाना चाहिए। इससे मिसकैरेज का खतरा हो सकता है। दरअसल कच्चे पपीते में लेटेक्स नाम का व्हाइट लिक्विड होता है, जो यूट्रस में संकुचन पैदा कर सकता है। यह पेट में पल रहे बच्चे के लिए जानलेवा होता है।
प्रेग्नेंसी के दौरान अंडा या मीट खाना फायदेमंद होता है। लेकिन ये अच्छी तरह पकाया गया हो। कच्चा अंडा या अधपका मीट से प्रेग्नेंट लेडीज को दूर रहना चाहिए। इसमें खतरनाक बैक्टीरिया हो सकते हैं। जिससे फूड पॉइजनिंग या फिर कुछ गंभीर हेल्थ इश्यूज हो सकते हैं।
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चाय और कॉफी कम मात्रा में आप प्रेग्नेंसी में पी सकती हैं। आप दिन भर में एक कप चाय कॉपी का सेवन कर सकते हैं। लेकिन ज्यादा मात्रा में पीने से बच्चे पर असर होगा। पेट में पल रहे बच्चे का वजन कम होगा, ग्रोथ कम होगा। कई मामलों में मिसकैरेज का भी खतरा रहता है। बहुत अधिक कैफीन (300 mg से ज्यादा) मिसकैरेज का रिस्क बढ़ा सकता है।ज्यादा कैफीन बॉडी में स्ट्रेस हार्मोन बढ़ाता है, जिससे जल्दी लेबर या प्रीमैच्योर डिलीवरी का खतरा बढ़ जाता है।
पूरे 9 महीने इन चीजों से परहेज करना चाहिए। शराब-सिगरेट या तंबाकू का सेवन कभी भी नहीं करना चाहिए। अगर आप इसका सेवन करती आ रही है, तो इसे ताउम्र के लिए छोड़ दें। मां बनने के बाद भी बच्चे की सेहत पर इसका असर होता है, जबतक की आप उसे दूध पिलाती हैं। इतना ही नहीं ये आपके शरीर को भी अंदर से गला रहा होता है।
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