AIDS Patient Precautions at Home: घर में एड्स मरीज हो तो सामान्य संपर्क से डरने की जरूरत नहीं। हाइजीन रखें, ब्लेड-टूथब्रश जैसी चीजें शेयर न करें, खून साफ करते समय ग्लव्स पहनें, ART दवाएं समय पर दें और मरीज को इमोशनल सपोर्ट दें।

Home Care Tips For AIDS Patients: AIDS एक गंभीर बिमारी है और इसे लेकर कई मिथ्स भी हैं, ऐसे में अगर आपके घर में एचआईवी/एड्स का मरीज है, तो सबसे जरूरी बात है सही जानकारी और सेंसिटिव बिहेवियर। एड्स केवल अवेयरनेस की कमी के कारण डर और गलतफहमियों से जुड़ा है, जबकि साइनटिफिट तौर पर ये बिमारी आम संपर्क से नहीं फैलता। इसलिए मरीज के साथ सामान्य रूप से रहना, खाना, बैठना या छूना बिल्कुल सेफ है। असली सावधानी केवल ब्लड, बॉडी फ्लूइड्स और इन्फेक्शन से जुड़ी स्थिति में रखी जाती है।

रोजमर्रा की साफ-सफाई और हाइजीन

घर में स्वच्छता का माहौल जरूरी है, लेकिन यह किसी एक्स्ट्रा डर की वजह से नहीं, बल्कि इम्यूनिटी कम होने के कारण मरीज की सुरक्षा के लिए जरूरी है। मरीज के पहने गए कपड़े, बर्तन और तौलिया सामान्य तरीके से साबुन और गर्म पानी से धो सकते हैं। इससे इंफेक्शन फैलने का कोई खतरा नहीं होता। अगर मरीज को छोटी-मोटी चोट लग जाए या खून निकले, तो सफाई करते समय डिस्पोजेबल ग्लव्स पहनकर खून साफ करें और इस्तेमाल किए टिश्यू को अच्छे से बंद करके फेंक दें।

दवाओं और समय पर डॉक्टर की निगरानी

एड्स का सही इलाज नियमित दवाओं और ट्रीटमेंट पर डिपेंड करता है। मरीज की ART दवाएं समय पर दें, उनकी डॉक्टर की अपॉइंटमेंट मिस न होने दें और सामान्य सर्दी-जुकाम या किसी भी इन्फेक्शन को हल्के में न लेना बहुत जरूरी है, क्योंकि कमजोर इम्यूनिटी इन्फेक्शन को जल्दी बढ़ा सकती है।

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इमोशनल सपोर्ट और पॉजिटिव माहौल

एड्स का सबसे बड़ा बोझ शारीरिक नहीं, बल्कि मानसिक होता है। मरीज अक्सर अकेलेपन, शर्म या सामाजिक भेदभाव को लेकर परेशान रहते हैं। ऐसे में घरवालों का प्यार, भरोसा और सामान्य व्यवहार उनके लिए इलाज से कम नहीं होता। उन्हें अपनेपन का एहसास दिलाएं, उनकी बात सुने और उन्हें किसी भी तरह की शर्म या दुख महसूस न होने दें।

क्या न करें और किन स्थितियों में सावधानी जरूरी है

मरीज के साथ भोजन, पानी, छूने, गले लगाने या एक साथ रहने से एड्स नहीं फैलता, इसलिए इससे बचने की जरूरत नहीं है। लेकिन ब्लेड, नेल कटर, टूथब्रश या इंजेक्शन जैसी चीजें शेयर नहीं करनी चाहिए। खुली चोट, खून या शरीर के फ्लूइड के टच में आने पर सावधानी रखना ही असली सुरक्षा है।

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