
हेल्थ डेस्क: हर साल 21 सितंबर को World Alzheimer's Day मनाया जाता है। अल्जाइमर एक भूलने की बीमारी है जो ज्यादातर बुजुर्गों में पाई जाती है। आपको जानकर हैरानी होगी कि अब इस बीमारी के लक्षण कम उम्र के लोगों में भी दिख रहे हैं। बदलती लाइफस्टाइल और खानपान के साथ ही कुछ ऐसे एलिमेंट हैं जो महिलाओं में भूलने की बीमारी का कारण बन रहे हैं।अमेरिकन एकेडमी ऑफ न्यूरोलॉजी की स्टडी के मुताबिक महिलओं के ज्यादा संख्या में बच्चों को जन्म देने और भूलने की बीमारी का संबध है। वहीं मिसकैरेज या फिर एबॉर्शन झेल चुकी महिलाओं में भी अल्जाइमर का खतरा 8% तक बढ़ जाता है। जानते हैं प्रेग्नेंसी और अल्जाइमर संबंधी स्टडी में क्या खास बातें सामने आईं।
रिप्रोडक्टिव हिस्ट्री के आधार पर स्टडी
प्रेग्नेंसी के आठवें सप्ताह में महिलाओं में एस्ट्रोजन का लेवल 2 गुना तक बढ़ जाता है। नॉर्मल लेकर के मुकाबले पूरी प्रेग्नेंसी के दौरान हॉर्मोन का स्तर करीब 40 गुना तक बढ़ जाता है। प्रेग्नेंसी के पहले 3 महीने में हॉर्मोन परिवर्तन के कारण अल्जामर की बीमारी के खतरे को जोड़ा गया। स्टडी के दौरान कोरिया और ग्रीस की करीब 3,549 महिलाओं में परीक्षण किया गया। स्टडी की शुरुआत में 71 वर्ष की औसत उम्र महिलाओं को शामिल किया गया। उन महिलाओं के रिप्रोडक्टिव हिस्ट्री की जांच भी की गई। जांच के दौरान 118 महिलाओं में अल्जाइमर रोग के लक्षण देखने को मिले। वहीं 896 महिलाओं में हल्के लक्षण दिखे।
5 बच्चों वाली महिलाओं को ज्यादा खतरा
भले ही आज के समय में लोगों के दो से तीन बच्चे होते हो लेकिन पहले के समय में 5 या 7 बच्चे होना सामान्य बात मानी जाती थी। स्टडी के दौरान देखने को मिला कि जिन महिलाओं के पांच बच्चे हैं, उनमें भूलने की बीमारी के लक्षण तेजी से बढ़ रहे थे। वहीं कम बच्चों वाली मां की याददाश्त बेहतर पाई गई।
बीमारी की जांच के लिए महिलाओं का एक टेस्ट लिया गया। इस टेस्ट में महिलाओं से कुछ प्रश्न पूछे गए और उसके आधार पर उन्हें अंक दिए गए। टेस्ट के रिजल्ट में अधिक बच्चों वाली मां की याददाश्त कमजोर पाई गई। वहीं कम बच्चों की मां की याददाश्त अन्य के मुकाबले बहुत बेहतर थी। डॉक्टर किम का मानना है कि प्रेग्नेंसी की पहली तिमाही में एस्ट्रोजन का बढ़ा हुआ लेवल महिलाओं में सोचन की क्षमता को प्रभावित करता है।
अल्जाइमर की बीमारी से बचने के उपाय
उम्र बढ़ाने के साथ ही अल्जाइमर की बीमारी का खतरा बढ़ जाता है। अगर आप अभी से अपनी लाइफस्टाइल परफेक्ट रखेंगे तो काफी हद तक अल्जाइमर के खतरे को कम किया जा सकता है।
डिस्क्लेमर: अल्जाइमर रोग को पूरी तरीके से ठीक करना संभव नहीं है। इस बीमारी को रोकने के लिए डॉक्टर कुछ दवाई देते हैं ताकि लक्षणों को बढ़ने से रोका जा सके। प्रेग्नेंसी और अल्जाइमर से संबंधित स्टडी के बारे में अधिक जानकारी चाहिए तो आप डॉक्टर से संपर्क कर सकते हैं।
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