
हेल्थ डेस्क : हृदय हेल्थ हर व्यक्ति के स्वास्थ्य का एक अत्यंत महत्वपूर्ण पहलू है। ये बात पुरुषों और महिलाओं दोनों के लिए लागू होती है, हालांकि यह एक फैक्ट है कि पुरुषों में दिल का खतरा उम्र के साथ बढ़ जाता है। अब एक नए अध्ययन में पाया गया है कि रजोनिवृत्ति के बाद महिलाओं के हार्ट हेल्थ में तेजी से गिरावट देखी जाती है। रजोनिवृत्ति यानि मोनोपोज वह समय है जो आपके मासिक धर्म चक्र के अंत का प्रतीक है। यह स्थिति आमतौर पर तब आती है जब आपको 12 महीने या उससे अधिक समय तक पीरियड्स नहीं आया हो। इस स्थिति में कई लक्षण होते हैं जो हार्मोनल स्तर में असंतुलन के कारण होते हैं।
इन महिलाओं पर हुई रिसर्च
नई रिसर्च के लिए वैज्ञानिकों ने 579 पोस्टमेनोपॉजल महिलाओं के डेटा को देखा, जिन्होंने अपने कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित करने के लिए स्टैटिन लिया था। महिलाओं को कम से कम एक वर्ष के अंतराल पर दो कोरोनरी धमनी कैल्शियम (सीएसी) जांच से भी गुजरना पड़ा। स्कैन प्लाक के निर्माण को मापकर किसी व्यक्ति को दिल के दौरे के खतरे का संकेत देने में मदद कर सकता है, जो हार्ट की धमनियों में खराब कोलेस्ट्रॉल और अन्य पदार्थों का मिश्रण है। स्कोर जितना अधिक होगा, दिल का दौरा पड़ने का खतरा उतना अधिक होगा।
हम जानते हैं कि मोनोपोज के बाद महिलाओं में एस्ट्रोजन हार्मोन के निम्न स्तर के कारण हृदय संबंधी बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। यह हार्मोन खराब कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित करने में मदद करता है जो अंततः हार्ट की रक्षा करने में मदद करता है।
3 ग्रुप में की गई रिसर्च
शोधकर्ताओं ने समान प्रोफ़ाइल वाले पुरुषों को भी स्कैन किया। महिलाओं के परिणामों से उनकी तुलना करने के लिए जाति, आयु, स्टैटिन का उपयोग, रक्तचाप और मधुमेह की स्थिति के हिसाब से बांटा गया। पार्टिसिपेंट्स को उनके पहले सीएसी स्कैन परिणामों के आधार पर तीन समूहों में विभाजित किया गया था- पहला: एक से 99, दूसरा: 100 से 399 और तीसरा: 400 या इससे अधिक था। वैज्ञानिकों ने पाया कि कई प्रतिभागियों का दूसरा सीएसी स्कोर उनके पहले वाले की तुलना में अधिक था। पहले और दूसरे सीएसी स्कैन के बीच, एक से 99 की बेसलाइन वाली महिलाओं के स्कोर में औसतन आठ अंकों की वृद्धि हुई।
पुरुषों के बराबर महिलाओं में हार्ट प्रॉब्लम का खतरा
दूसरे समूह की महिलाओं ने अपने औसत स्कोर में लगभग 31 अंकों की वृद्धि देखी। यह वृद्धि उनके समकक्ष पुरुष की तुलना में लगभग दोगुनी थी। रिसर्च ने बताया कि यह पहली रिसर्च है जो दिखाती है कि मोनोपॉज के बाद महिलाओं में जोखिम काफी बढ़ गया है और हृदय संबंधी घटनाओं के लिए ये जोखिम पुरुषों के जोखिम से लगभग मेल खाता है। हालांकि अध्ययन की कमजोरियों में से एक यह थी कि शोधकर्ताओं ने केवल स्टैटिन लेने वाली महिलाओं के डेटा को देखा। उनमें वे महिलाएं शामिल नहीं थीं जो स्टैटिन नहीं लेती थीं। कई प्रतिभागियों का सीएसी स्तर बढ़ गया भले ही वे दवा ले रहे थे। यह इस बात का संकेत हो सकता है कि रजोनिवृत्ति के बाद जो महिलाएं कोई दवा नहीं लेती थीं, उनमें हृदय रोग का खतरा अधिक था।
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