
Oral Health Tips: फ्लॉसिंग को ओरल हेल्थ के लिए एक जरूरी प्रक्रिया माना जाता है। दांतों के बीच के महीन स्थानों में ब्रश नहीं पहुंच पाता है, तो ऐसे में फ्लॉसिंग गंदगी हटाने के काम आती है। मसूड़ों की बीमारी हो या फिर कैविटी, फ्लॉसिंग की मदद से इन्हें रोकने में मदद मिलती है। फ्लॉसिंग तभी इफेक्टिव मानी जाती है, जब इसे सही तरीके से किया जाए। कई बार गलत तरीका अपनाने से ओरल हेल्थ बिगड़ भी सकती है। अगर आप भी फ्लॉसिंग गलत तरीके से करते हैं, तो सही तरीकों के बारे में जरूर जान लें।
आप वैक्स्ड फ्लॉस, अनवैक्स्ड फ्लॉस या डेंटल टेप का इस्तेमाल दांतों को साफ करने के लिए कर सकते हैं। फ्लॉस हमेशा ऐसा चुनना चाहिए जो दांतों के आरामदायक हो और किसी प्रकार की दिक्कत या दर्द महसूस न होता हो।
फ्लॉस को दांतों के बीच आगे-पीछे करते हुए धीरे से घुमाएं और दांतों की सफाई करें। आपको गलती से भी मसूड़ों को सुरक्षित रखते हुए हल्का दबाव लगाना है। फ्लॉस को जब भी तोड़ना हो तो थोड़ा सा जोर लगाएं। अधिक जोर लगाने पर मसूड़ों से खून भी निकल सकता है।
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फ्लॉसिंग के बाद कुल्ला करें। माउथवॉश या पानी से कुल्ला करना बेहद जरूरी है। ऐसा करने से मुंह से ढीले प्लाक या खाने के छोटे पार्टिकल हट जाते हैं।
अगर दांतों में ब्रॉस लगा हो तो आपको डॉक्टर से इस बारे में जरूर पूछना चाहिए। बिना डॉक्टर की सलाह के आपको दांतों में किसी भी चीज का इस्तेमाल करने से बचना चाहिए।
आपको एक दिन में एक ही बार फ्लॉस करना चाहिए। अगर ज्यादा बार फ्लॉस करेंगे तो दांतों में समस्या पैदा हो सकती है। अगर फ्लॉस करने से किसी प्रकार की समस्या होती है, तो डेंटिस्ट से तुरंत संपर्क करना चाहिए।
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