Mahatma Gandhi 5 Health Secrets to Follow: महात्मा गांधी हेल्थ सीक्रेट आज भी उतने ही वैलिड हैं जितने 100 साल पहले थे। हम इन्हें लाइफस्टाइल में शामिल कर लें तो न केवल फिजिकल हेल्थ बेहतर होगा बल्कि मेंटल हेल्थ क्वालिटी भी बढ़ जाएगी।
महात्मा गांधी न केवल भारत की आजादी के महानायक थे बल्कि वे एक सादा जीवन और उच्च विचारों वाले इंसान भी थे। उनका मानना था कि शरीर और मन दोनों का संतुलन ही असली हेल्थ है। गांधी जी का जीवन इस बात का सबूत है कि नैचुरल और डिसीप्लीन लाइफस्टाइल अपनाकर लंबे समय तक हेल्दी रहा जा सकता है। आइए जानते हैं उनके 5 हेल्थ और वेलनेस सीक्रेट्स, जो आज भी हमारे लिए उतने ही परफेक्ट हैं।
सादगी और नैचुरल डाइट (Simple & Natural Diet)
गांधीजी का मानना था कि भोजन उतना ही खाना चाहिए, जितना शरीर की जरूरत है। वे ज्यादातर सादा वेजिटेरियन खाना खाते थे जैसे दाल, चावल, रोटी, सब्जियां और फल। डेयरी और भारी तली-भुनी चीजों से दूरी रखते थे। उनका सिद्धांत था खाना जीवन के लिए है, जीवन खाना खाने के लिए नहीं। आज भी डाइटिशियन कहते हैं कि सिंपल और बैलेंस्ड डाइट ही सबसे बेहतर होती है।
और पढ़ें - 49 Kg वेट लॉस करने के लिए नहीं की कोई जद्दोजहद, कॉमन सेंस डाइट ने किया बड़ा कमाल
गांधीजी रखते थे नियमित उपवास (Fasting for Health & Mind)
गांधीजी समय-समय पर उपवास रखते थे। उनका मानना था कि उपवास न केवल शरीर को डिटॉक्स करता है बल्कि मन और आत्मा को भी शुद्ध करता है। उपवास से पाचन तंत्र को आराम मिलता है और अनावश्यक वसा (fat) जलती है। उपवास को वे आध्यात्मिक साधना और आत्म-नियंत्रण का जरिया मानते थे। आज के दौर में भी Intermittent Fasting और Detox Diets साइंस द्वारा हेल्दी मानी जाती हैं।
सुबह की दिनचर्या और व्यायाम (Morning Routine & Physical Activity)
गांधीजी हर दिन जल्दी उठते थे और पैदल चलना उनकी दिनचर्या का अहम हिस्सा था। वे रोजाना 8-10 किलोमीटर पैदल चलने की आदत रखते थे। योग और हल्के व्यायाम से शरीर को एक्टिव रखते थे। उनका मानना था कि चलना सबसे अच्छा व्यायाम है। आज भी डॉक्टर कहते हैं कि रोजाना 30-45 मिनट वॉक दिल, दिमाग और शरीर तीनों के लिए फायदेमंद है।
और पढ़ें - बिना स्टैटिन दवा लिए घटाएं कोलेस्ट्रॉल, डॉक्टरों के दो टिप्स करें फॉलो
सकारात्मक सोच और आत्म-अनुशासन (Positive Mindset & Discipline)
गांधीजी का जीवन अनुशासन और आत्म-नियंत्रण का प्रतीक था। वे क्रोध, चिंता और नकारात्मक भावनाओं से दूरी बनाने पर जोर देते थे। नियमित मेडिटेशन और प्रार्थना से मानसिक शांति बनाए रखते थे। उनका मानना था कि स्वास्थ्य केवल शरीर का नहीं, मन का भी होना चाहिए। आज के तनाव भरे जीवन में Mindfulness और Meditation सबसे बड़े हेल्थ टूल हैं।
स्वच्छता और नेचुरल लिविंग (Cleanliness & Natural Living)
गांधीजी ने हमेशा कहा है कि स्वच्छता ईश्वर के पास जाने का रास्ता है। वे व्यक्तिगत और सामाजिक स्वच्छता को स्वास्थ्य का पहला कदम मानते थे। खुले वातावरण, प्राकृतिक धूप और शुद्ध जल को जीवन में जरूरी बताते थे। उनका जीवन प्रकृति के नजदीक और केमिकल-फ्री था। आज भी हेल्थ एक्सपर्ट्स मानते हैं कि हाइजीन और नेचुरल लिविंग रोगों से बचाव का सबसे सस्ता और असरदार तरीका है।
