Shocking! बच्चों के फेवरेट Cake में भी मंडरा रहा जानलेवा बीमारी का खतरा?

Artificial food colours in cake cause cancer: कर्नाटक खाद्य सुरक्षा प्राधिकरण ने केक में आर्टिफिशियल रंग और खतरनाक केमिकल्स पाए जाने का खुलासा किया है। जानें खाने में आर्टिफिशियल रंगों से शरीर को होने वाले नुकसान और सुरक्षित केक कैसे चुनें।

Bhawana tripathi | Published : Oct 4, 2024 9:24 AM IST / Updated: Oct 04 2024, 03:02 PM IST

हेल्थ डेस्क: कर्नाटक खाद्य सुरक्षा प्राधिकरण ने केक से संबंधित चौंकाने वाले खुलासे किए हैं। बेंगलुरू में केक की दुकानों में करीब 12 से ज्यादा केक के नमूने लिए गए जिनमें आर्टिफिशियल कलर और कैंसर केमिकल्स भी पाए गए। इस बात से अंदाजा लगाया जा सकता है कि सिर्फ कर्नाटक ही नहीं बल्कि देश के विभिन्न हिस्सों में केक में आर्टिफिशियल कलर इस्तेमाल किया जा रहा होगा। आर्टिफिशियल कलर जहां केक को बेहतरीन रंग देते हैं वहीं शरीर के लिए जानलेवा भी साबित हो सकते हैं। केक में कृत्रिम रंग (Toxic colors in cake health risks) शरीर को कैसे नुकसान पहुंचाते हैं, जानिए विस्तार से।

जहरीले रंगों से भरा रेड वेलवेट और ब्लैक फ़ॉरेस्ट केक

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कर्नाटक खाद्य सुरक्षा प्राधिकरण ने बेकरी की दुकानों से करीब 235 केक के नमूने लिए जिनमें 223 केक खाने के लिए सुरक्षित पाए गए। वहीं 12 केक सैंपल में कैंसर पैदा करने वाले केमिकल्स एलिमेंट्स शामिल थे। आर्टिफिशियल कलर में मुख्य रूप से एल्यूरा रेड, सनसेट येलो एफसीएफ, पोंसेउ 4आर, टार्ट्राज़ीन और कारमोइसिन को मिलाया गया था। कृत्रिम रंग रेड वेलवेट और ब्लैक फ़ॉरेस्ट केक में सबसे ज्यादा मिलाए गए थे।

फूड में कलर मिलाने के हैं कड़े निर्देश

FSSAI ने 100 मिलीग्राम प्रति किलोग्राम फूड में कलर मिलाने के निर्देश दिए हैं। अगर इससे ज्यादा मात्रा में रंग मिलाया जाता है तो शरीर को भयंकर नुकसान पहुंचने की आशंका रहती है। ज्यादातर शेफ फूड कलर इस्तेमाल न करने की सलाह देते हैं क्योंकि फूड कलर कहीं न कहीं शरीर को नुकसान पहुंचाते हैं।

यूएस की FDA रिपोर्ट की मानें तो खाने में इस्तेमाल होने वाले कलर बच्चों में हाइपर एक्टिविटी के साथ ही जानलेवा एलर्जी जैसी बीमारियों को जन्म देते हैं। यानी कि फूड कलर किसी भी तरीके से सुरक्षित नहीं होते हैं।

बढ़ता है थायरॉइड ट्यूमर का खतरा

फूड कलर को लेकर कई स्टडी की जा चुकी है जिन में घातक परिणाम सामने आए हैं। लाल रंग (एरिथ्रोसिन) को लेकर चूहों में स्टडी की गई, जिसके सामने आया कि अधिक मात्रा में फूड कलर थायरॉइड ट्यूमर (Thyroid Tumors) को जन्म देता है। वहीं बेंज़ीडीन, 4-अमीनोबिफेनिल और 4-अमीनोएजोबेंज़ीन केमिकल्स शरीर में प्रवेश कर कैंसर जैसी बीमारी को जन्म देते हैं।

कैसे चुने सुरक्षित केक?

सिर्फ केक ही नहीं बाजार में ऐसे कई पैकेट बंद सामान बिक रहे हैं जिनमें आर्टिफिशियल कलर का इस्तेमाल किया जाता है। अगर आप गंभीर या जानलेवा बीमारी से बचना चाहते हैं और अपने बच्चों के भविष्य को सुरक्षित रहना चाहते हैं तो ऐसे रंगीन फूड्स से दूरी बना लें। आप जब भी केक चुनने जाए तो कुछ बातों का ध्यान रखें।

Disclaimer: उपरोक्त दी गई जानकारी केवल सूचना मात्र है। अगर आप रंग वाले फूड का इस्तेमाल करने जा रहे हैं तो सावधानी के लिए डॉक्टर से इस बारे में जानकारी जरूर लें।

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