सार
अच्छी नींद के लिए रूम टेंपरेचर कितना होना चाहिए? जानें सैफ अली खान और करीना कपूर की बहस और डॉ. वोंग की राय, जिससे आपकी नींद की गुणवत्ता में सुधार हो सके।
हेल्थ डेस्क: नेटफ्लिक्स में प्रसारित हो रहे 'ग्रेट कपिल शर्मा शो" में एक्टर सैफ अली खान ने एक बेहद मजेदार खुलासा किया। जब सैफ से पूछा गया कि उनमें और करीना में किस बात को लेकर बहस होती है तब सैफ ने बताया कि रूम टेंपरेचर को लेकर सैफ को कॉम्प्रोमाइज करना पड़ता है। सैफ अली खान को जहां 18 डिग्री सेंटीग्रेड टेंपरेचर पर AC चलाना पसंद है वहीं करीना कपूर को 19 या 20 डिग्री तक। आइए जानते हैं अच्छी नींद के लिए रूम का टेंपरेचर कितना होना चाहिए।
किस तापमान पर नींद आती है अच्छी?
भारतीय तापमान के अनुसार अच्छी नींद के लिए 62 से 67 डिग्री फारेनहाइट यानी की 15 से 19 डिग्री सेल्सियस (°C) तक का तापमान अच्छा माना जाता है। इस टेंपरेचर पर जहां नींद अच्छी आती है वहीं शरीर को आराम भी महसूस होता है। लेकिन एक बात का ध्यान हमेशा रखना चाहिए कि किसी एक व्यक्ति के लिए अलग-अलग तापमान कंफर्टेबल हो सकते हैं। एसी का टेंपरेचर कई बार कम या ज्यादा होने पर व्यक्ति को ठंडी या गर्मी महसूस होती है जिसके कारण नींद टूट जाती है। आपको क्वालिटी स्लीप के लिए सही एसी टेम्परेचर को पहचानना होगा।
गहरी नींद में तापमान होता है अहम
इंडिया टूडे को दिए इंटरव्यू में बायोमेडिकल रिसर्च कर चुके डॉ. वोंग बताते हैं कि सिर्फ बिस्तर में तीन से चार घंटे या 10 घंटे बिताने का यह बिल्कुल मतलब नहीं है कि आपने अच्छी नींद ली है। अच्छी नींद इस बात पर निर्भर करती है कि आप रात में कितना कम जागे हैं और आपने कितनी गहरी नींद ली है। अगर आप बिस्तर में 10 घंटे सोते हैं तो केवल 85% ही आप गहरी नींद ले पाते हैं।
तापमान की गड़बड़ी उड़ाती है नींद
कई बार ज्यादा गर्मी या ज्यादा सर्दी का एहसास होने पर नींद नहीं आती है। अगर बिस्तर में लेटने के आधे से 1 घंटे के भीतर आपको गहरी नींद नहीं आती है तो अनिद्रा की संभावना जताई जा सकती है। बिस्तर में लेटने के कुछ समय बाद तक अगर अच्छी नींद ना आए तो नींद की गुणवत्ता खराब मानी जाती है। कई बार पसीना अधिक आने पर नींद रात में कई बार टूटती है। वहीं कुछ लोगों को कंपकंपी लगने पर भी नींद टूट जाती है। आपको अच्छी नींद के लिए सही टेम्परेचर पहचानने की जरूरत है।
अच्छी नींद न आने से क्या होता है?
- जागते समय जो भी व्यक्ति कुछ करता है, देखता है या फिर सीखता है वह उसके दिमाग में अस्थाई रूप से स्टोर होता है। इसे हिप्पोकैंपस कहा जाता है।
- जब व्यक्ति सोता है तो दिमाग सभी अनुभवों, यादों आदि को सुरक्षित रखता है ताकि भविष्य में हम उन्हें दोबारा याद कर सकें। अगर आप अच्छी नींद नहीं लेंगे तो इसका सीधा असर आपकी याददाश्त पर पड़ेगा।
- सोते समय शरीर से बहुत मेलाटोनिन सहित कई ग्रोथ हॉर्मोन रिलीज होते हैं जो शरीर की मरम्मत के साथ ही विकास में मदद करते हैं। यहीं कारण है कि बच्चों को ज्यादा नींद की जरूरत होती है।
- नींद अच्छी मिलने पर शरीर की थकावट दूर हो जाती हैं और शरीर रिलेक्स महसूस करता है।
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