लिवर कैंसर के खतरे को कम करना है तो हेपेटाइटिस के बारे में लोगों को जागरूक होने की जरूरत है। आइए जानते हैं हेपेटाइटिस के लक्षण, निदान, कारण और ट्रीटमेंट के बारे में।
हेल्थ डेस्क. हेपेटाइटिस लिवर से जुड़ी एक गंभीर बीमारी है। इस बीमारी में लीवर में सूजन आ जाती है जिसकी वजह से ब्लड को छानने, पोषक तत्वों के प्रोसेसिंग नहीं कर पाता है, इसके अलावा संक्रमण से लड़ने में भी कमजोर पड़ जाता है। जिसकी वजह से कई तरह के हेल्थ प्रॉब्लम्स सामने आती है। हेपेटाइटिस की वजह से लीवर कैंसर का भी जोखिम बढ़ जाता है। इसलिए इस बीमारी को लेकर लोगों के बीच जागरुकता होनी बहुत जरूरी है।
हेपेटाइटिस होने की वजह हेपेटाइटिस वायरस है। इसके अलावा शराब और कुछ दवाओं की वजह से भी यह बीमारी हो सकती है। अगर हम इस बीमारी के लक्षण की बात करें तो सबसे आम लक्षण में बुखार शामिल है। इसके अलावा ये लक्षण दिखाई देते हैं-
थकान
भूख न लगना
मतली
उल्टी
पेट में दर्द
गहरे रंग का पेशाब
हल्के रंग का मल
जोड़ों में दर्द
पीलिया
लिवर कैंसर का बढ़ सकता है जोखिम
डॉक्टर की मानें को रोगी को बिना किसी लक्षण के कई सालों तक क्रोनिक वायरल हेपेटाइटिस हो सकता है। जब तक कि उन्नत लिवर स्कारिंग (सिरोसिस) और लिवर कैंसर विकसित न हो जाए। पांच मुख्य हेपेटाइटिस वायरस हैं जो लीवर को नुकसान पहुंचाते हैं। जिन्हें ए, बी, सी, डी और ई कहा जाता है। उनमें से कुछ हफ्तों से लेकर महीनों तक चलने वाले अल्पकालिक संक्रमण (तीव्र हेपेटाइटिस) का कारण बन सकते हैं, जबकि अन्य लंबे समय तक चलने वाली सूजन का कारण बन सकते हैं।
हेपेटाइटिस को रोकने के लिए क्या करें
हेपेटाइटिस ए और हेपेटाइटिस बी के लिए टीके लगवाएं। साफ-सफाई का ध्यान रखें। साबुन से अच्छी तरह हाथ धोएं। किसी संक्रमित व्यक्ति की निजी वस्तुओं का उपयोग न करें। कोई भी टैटू बनवाते समय या शरीर पर छेद कराते समय सावधानी बरतें। दुनिया के खराब स्वच्छता वाले क्षेत्रों की यात्रा करते समय सावधानी बरतें। यात्रा करते समय बोतलबंद पानी पियें। हेपेटाइटिस बी और सी का कम से कम एक बार परीक्षण कराने चाहिए।
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