
वजन घटाना अब सिर्फ कम खाना या ज्यादा वर्कआउट का खेल नहीं रह गया है। आज के फिटनेस वर्ल्ड में हाई-प्रोटीन डाइट ने बड़ी जगह बना ली है। जिम जाने वाले से लेकर घर पर एक्सरसाइज करने वाले तक, सभी मानते हैं कि प्रोटीन वजन घटाने में मददगार है। लेकिन क्या कभी सोचा है कि यह डाइट आपके कॉलन (बड़ी आंत) पर क्या असर डाल रही है? हालिया रिपोर्ट में हेल्थ एक्सपर्ट ने चेतावनी दी है कि अगर प्रोटीन का इनटेस बहुत ज्यादा और फाइबर बहुत कम है, तो इससे वजन तो घट सकता है, लेकिन इंटरनल सेहत पर निगेटिव असर पड़ता है।
हाई-प्रोटीन डाइट वह होती है जिसमें आपके रोज के खाने में कार्बोहाइड्रेट और फैट कम कर दिए जाते हैं, और प्रोटीन की मात्रा बढ़ा दी जाती है जैसे कि अंडे, चिकन, फिश, पनीर, टोफू, या दालें। इस डाइट के कई शॉर्ट-टर्म फायदे भी हैं। जैसे मसल्स टोन और स्ट्रेंथ बढ़ती है, भूख कम लगती है, मेटाबॉलिज्म तेज होता है और वजन घटाने की प्रक्रिया तेज होती है। लेकिन अगर यही डाइट लंबे समय तक चलती रहे और फाइबर जैसे फल-सब्जियां, अनाज, सलाद गायब हो जाएं तो यही हेल्दी डाइट आपकी गट हेल्थ यानी आंतों के माइक्रोबायोम को नुकसान पहुंचा सकती है।
और पढ़ें - वीकली 150 मिनट की एक्टिविटी 25% कम कर देगी ब्रेस्ट कैंसर का खतरा, इन 3 बातों का रखें ध्यान
कॉलन हमारे पाचन तंत्र का आखिरी लेकिन बेहद अहम पार्ट है। यही वो जगह है जहां बॉडी, भोजन से बची हुई चीजों को प्रोसेस करता है और टॉक्सिन्स को बाहर निकालता है। हमारी बड़ी आंत में लाखों गुड बैक्टीरिया रहते हैं जो पाचन, इम्यून सिस्टम और यहां तक कि मूड को भी इफेक्ट करते हैं। जब हम लो-कार्ब, हाई-प्रोटीन डायट लेते हैं, तो ये गुड बैक्टीरिया कमजोर पड़ जाते हैं क्योंकि उन्हें फाइबर की जरूरत होती है।
फाइबर कम होने से आंतों का यह संतुलन बिगड़ता है, और नुकसानदायक बैक्टीरिया बढ़ने लगते हैं। रिसर्च के मुताबिक, इस स्थिति में आंतों में टॉक्सिक कंपाउंड्स जैसे अमोनिया और हाइड्रोजन सल्फाइड बनने लगते हैं जो समय के साथ कॉलन की लाइनिंग को कमजोर करते हैं और कैंसर जैसी समस्याओं का जोखिम बढ़ा सकते हैं।
और पढ़ें - दिल्ली-एनसीआर में जहरीली हुई हवा, बचने के लिए पीएं ये 5 डिटॉक्स ड्रिंक्स, लंग्स की होगी क्लीनिंग