
Baby Diaper Care Guide: नए माता-पिता के लिए अपने नन्हे बच्चे की स्किन केयर और हाइजीन को लेकर सबसे बड़ी चुनौती होती है, डायपर कब पहनाएं और कब हटाएं। बच्चे के जन्म के शुरुआती महीनों में डायपर यूज करना काफी आसान तो लगता है, लेकिन गलत तरीके से पहनाने या समय पर न बदलने से यह स्किन रैशेज, इंफेक्शन और जलन जैसी समस्या हो सकती है। नवजात बच्चों की त्वचा बहुत नाजुक होती है, इसलिए यहां थोड़ी सी भी लापरवाही बच्चों के लिए बहुत बड़ी परेशानी का कारण बन सकती है।
डायपर हमेशा तभी पहनाएं जब बच्चे को लंबे समय तक सूखा रखना जरूरी हो- जैसे रात में सोते समय, बाहर जाते वक्त या जब बच्चे की नींद पूरी करनी हो। दिन में कोशिश करें कि बच्चे को कुछ समय के लिए डायपर-फ्री रखा जाए ताकि उसकी त्वचा सांस ले सके। इससे स्किन में एयर सर्कुलेशन बना रहता है और रैशेज या फंगल इंफेक्शन का खतरा कम होता है।
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पीडियाट्रिक एक्सपर्ट डॉ. निहार पारेख के अनुसार, बच्चे का डायपर हर तीन से चार घंटे में बदलना जरूरी है- चाहे वह गीला हो या नहीं। क्योंकि लंबे समय तक एक ही डायपर में नमी और बैक्टीरिया इकट्ठा होते रहते हैं, जो स्किन पर रैशेज और इंफेक्शन का कारण बन सकते हैं।
अगर बच्चे ने पॉटी की है, तो तुरंत डायपर बदलना जरूरी है। पॉटी के बाद बच्चे की त्वचा को हमेशा टॉप टू बॉटम यानी ऊपर से नीचे की दिशा में साफ करें। कई बार लोग गलती से नीचे से ऊपर की ओर सफाई करते हैं, जिससे बैक्टीरिया यूरिन ट्रैक्ट में पहुंच जाते हैं और इससे UTI (Urinary Tract Infection) का खतरा बढ़ जाता है, खासकर बच्चियों में।
अगर बच्चा घर पर है और मौसम गर्म है, तो दिन में कुछ समय के लिए बच्चे को बिना डायपर के रखें। इससे स्किन की नमी और गर्माहट निकल जाती है और बच्चे को आराम मिलता है। साथ ही, अगर डायपर रैशेज या लाल दाने दिखाई दें, तो तुरंत डायपर पहनाना बंद करें और डॉक्टर की सलाह से डायपर रैश क्रीम या नैचुरल ऑयल (जैसे नारियल तेल) लगाएं।
हर बार डायपर बदलने के बाद बच्चे की त्वचा को हल्के गुनगुने पानी से या फिर सूती कपड़े से साफ करें। साफ करने के बाद त्वचा को सूखने दें और तभी नया डायपर पहनाएं।
साथ ही, डायपर पहनाने से पहले बेबी पाउडर या क्रीम का ज्यादा यूज न करें, क्योंकि ये स्किन पोर्स को बंद कर देते हैं। केवल मॉइश्चराइजिंग क्रीम या डायपर रैश प्रोटेक्शन लेयर लगाना अच्छा होता है।
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