खर्राटे क्यों आते हैं? जानें इसके पीछे की असली वजह और छुपी हुई बड़ी बीमारी

Published : Aug 21, 2023, 04:34 PM IST
snore Know the real reason behind

सार

Snore is hidden Disease?: खर्राटों वाली नींद अच्छी नींद नहीं होती है, ये गंभीर समस्या का संकेत होता है। जानें आखिर क्या है इसके पीछे का कारण और क्या है डॉक्टर्स की राय?

हेल्थ डेस्क: दुनिया में बहुत से लोग खर्राटों से परेशान हैं। ब्रिटेन की लगभग आधी आबादी सोने के दौरान किसी न किसी समय खर्राटे लेती है। आमतौर पर खर्राटों को गहरी नींद का प्रतीक माना जाता है लेकिन अगर आप भी ऐसा मानते हैं तो जरा ठहर जाइए। खर्राटों वाली नींद अच्छी नींद नहीं होती है, ये गंभीर समस्या का संकेत होता है। एम्स के पूर्व निदेशक डॉ. रणदीप गुलेरिया का कहना है कि स्लीप एपनिया, भारत में एक प्रचलित लेकिन अक्सर अज्ञात स्लीप डिसऑर्डर है, जिसके खतरनाक परिणाम हो सकते हैं। नियमित खर्राटे लेना इस डिसऑर्डर के पहले लक्षणों में से एक है और इसे तुरंत एक मेडिकल प्रोफेशनल से परामर्श लेना चाहिए।

कैसे होता है स्लीप एपनिया?

डॉ. रणदीप गुलेरिया के अनुसार, स्लीप एपनिया ( sleep apnea) भारत के लोगों में एक बहुत ही कॉमन समस्या है। नींद के दौरान एयरवे नैरो होने के कारण स्लीप एपनिया या OSA होता है, जिससे सांस लेने में रुकावट (एपनिया) और उथली सांस (हाइपोपनीस) हो सकती है। सोते समय सांस कई बार रुकती और फिर शुरू होती है। हालांकि यह नींद संबंधी डिसऑर्डर है जिसमें डायग्नोज रेट की कमी के कारण ज्यादातर लोग वास्तव में इसके बारे में नहीं जानते हैं।

स्लीप एपनिया के कारण होती हैं कार दुर्घटनाएं

एक्सपर्ट्स के मुताबिक, स्लीप एपनिया एक बड़ी समस्या है, जिसका आसानी से डायग्नोज नहीं किया जा सकता है। ज्यादातर लोग जो खर्राटे लेते हैं वे नहीं जानते कि यह खर्राटे के कारण होता है। इससे नींद की क्वालिटी प्रभावित होती है। बहुत से लोग इस कारण से बिना जाने-समझे दिन में सो जाते हैं। एक्सपर्ट्स का कहना है कि स्लीप एपनिया खतरनाक हो सकता है क्योंकि कई लोग 'कार दुर्घटनाओं का शिकार हुए हैं क्योंकि वे गाड़ी चलाते समय अचानक सो गए थे।'

मोटापे की वजह से होता है स्लीप एपनिया

अच्छी नींद की क्वालिटी की कमी के अलावा, स्लीप एपनिया कई स्वास्थ्य रोगों का कारण भी बन सकता है। डॉ. गुलेरिया ने कहा, ‘स्लीप एपनिया, विशेष रूप से मोटापे से ग्रस्त लोगों में, शुगर लेवल में वृद्धि, हाई ब्लड प्रेशर और मेटाबोलिक सिंड्रोम का कारण बन सकता है। इसलिए जितनी जल्दी हो सके इसका डायग्नोज करना जरूरी है।’

और पढ़ें - नींद की दवाएं लेना कितना सुरक्षित? जानें इस बारे में क्या कहते हैं एक्सपर्ट

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