World Heart Day 2023: अपनों को है बचाना, तो हार्ट फेलियर और हार्ट अटैक में जानें अंतर

Published : Sep 21, 2023, 12:20 PM IST
heart attack

सार

World Heart Day 2023: हार्ट अटैक और हार्ट फेलियर को लोग एक ही समझ लेते हैं। लेकिन इन दोनों के बीच काफी फर्क है, जिसके बारे में जानना हर इंसान को जरूरी हैं।

हेल्थ डेस्क.अक्सर लोगों से सुना होगा कि हार्ट अटैक का मतलब इसका फेल हो जाना है। हार्ट फेलियर से लोग इसे जोड़कर देखते हैं। लेकिन इन दोनों के बीच बहुत अंतर होता है। हालांकि दोनों दिल से जुड़ी खतरनाक और जानलेवा स्थिति है। 29 सितंबर को वर्ल्ड हार्ट डे (World Heart Day 2023) है। तो चलिए इस मौके पर हम आपको बताते हैं Heart attack और heart failure में क्या अंतर है।

हार्ट अटैक के कारण

हार्ट अटैक तब पड़ता है जब दिल की मांसपेशियों के एक हिस्से में ब्लड फ्लो में अचानक रुकावट आ जाती है। यह रुकावट आमतौर पर कोरोनरी आर्टरी में बनने वालेब्लड क्लॉट के कारण होती है, जो दिल में ब्लड की आपूर्ती करती है। दिल के दौरे का सबसे आम कारण कोरोनरी आर्टरी डिजीज है। जहां कोरोनरी आर्टरी में प्लाक का निर्माण होता है।

हार्ट फेलियोर के कारण

हार्ट फेलियोर का कारण क्षणिक नहीं होता है बल्कि लंबे वक्त से यह विकसित होती रहती है। कई बीमारियों की वजह से हार्ट फेलियोर होता है। मसलन कोरोनरी आर्टरी डिजीज, हाई ब्लड प्रेशर, हार्ट वाल्व डिजिज, कार्डियोमायोपैथी, डायबीटीज मेलिटस, हाइपरटेंशन, अरिदमिया, या अन्य हार्ट कंडीशन शामिल है। हार्ट फेलियोर में दिल की मांसपेशियां कमजोर या कठोर हो जाती है। जिससे हार्ट के लिए ब्लड को ठीक से पंप करना मुश्किल हो जाता है।

हार्ट अटैक के लक्षण

दिल के दौरे के लक्षणों में सीने में दर्द या बेचैनी, सांस लेने में तकलीफ, मतली, चक्कर आना, ठंडा पसीना आना और हाथ, गर्दन, जबड़े या पीठ तक दर्द होना शामिल हो सकता है। लक्षण आमतौर पर अचानक और तीव्र होते हैं।

हार्ट फेलियोर के लक्षण

हार्ट फेलियोर के सामान्य लक्षणों में थकान, सांस लेने में तकलीफ, पैरों और टखनों में सूजन, तेजी से वजन बढ़ना, लगातार खांसी और घरघराहट शामिल है।

हार्ट अटैक का इलाज

हार्ट अटैक का ट्रीटमेंट तुरंत किया जाता है। जिसमें रुके हुए कोरोनरी आर्टरी में ब्लड फ्लो को शीघ्रता से बहाल करना शामिल होता है।यह दवाओं, एंजियोप्लास्टी, स्टेंट प्लेसमेंट या कोरोनरी आर्टरी बाईपास सर्जरी के जरिए किया जाता है।

हार्ट फेलियोर का इलाज

हार्ट फेलियोर में दिल के काम में सुधार, लक्षणों को नियंत्रित करने और फ्लूड को रोकने के लिए दवाएं मौजूद हैं। इसके अलावा कुछ मामलों में इम्प्लांटेबल डिफाइब्रिलेटर या कार्डियक रीसिंक्रनाइज़ेशन थेरेपी जैसे उपकरण शामिल हैं। इसके अलावा लाइफस्टाइल में बदलाव, डाइट में बदलाव, एक्सरसाइज और हाइड्रेशन का ख्याल रखने के लिए कहा जाता है।

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