कैंसर से लड़ रहे बच्चों में दिल की बीमारी का जोखिम सबसे ज्यादा होता है। उनके हार्ट को सुरक्षित रखने के लिए दुनिया का सबसे पहला अंतराष्ट्रीय गाइडलाइंस बनाए गए हैं।
हेल्थ डेस्क. दुनिया भर में हर साल 3 लाख बच्चे कैंसर से पीड़ित होते हैं। भारत में भी दुनिया के 25 प्रतिशत से ज्यादा बच्चे कैंसर से पीड़ित हैं। कैंसर पीड़ित बच्चे इलाज के बाद ठीक तो हो जाते हैं, लेकिन दूसरी हेल्थ समस्याएं खड़ी हो जाती है। जिसमें दिल से जुड़ी बीमारी शामिल है। नई कैंसर दवाओं की वजह से हृदय से जुड़ी गंभीर समस्याएं देखने को मिल रही हैं। इसे देखते हुए दुनिया की पहली गाइडलाइंस कैंसर पीड़ित बच्चों के लिए तैयार की गई है।
कैंसर से लड़ रहे बच्चों की दिल की होगी निगरानी
जेएसीसी ( JACC) में प्रकाशित गाइडलाइंस के मुताबिक नवीन आणविक उपचार, इम्यूनोथेरेपी, कीमोथेरेपी और रेडियोथेरेपी प्राप्त करने वाले बाल कैंसर रोगियों में दिल से जुड़ी समस्याओं की निगरानी करना, उनका ट्रीटमेंट करना या फिर पता लगाना अनिवार्य कर दिया गया है। मतलब अगर बच्चे का कैंसर का इलाज हो रहा है तो उसके हृदय की भी जांच सबसे पहले करनी होगी। अगर कोई समस्या है तो उसका भी ट्रीटमेंट होगा।
बच्चों के लिए पहले नहीं थी गाइडलाइंस
मर्डोक चिल्ड्रन रिसर्च इंस्टीट्यूट (Murdoch Children's Research Institute) के लीड करने वाली एक्सपर्ट टीम ने कैंसर रोगियों के उच्च जोखिम वाले समूह को परिभाषित किया। जिनके दिल की जांच होनी चाहिए। उपचार के दौरान स्क्रीनिंग और निगरानी के लिए एक रणनीति का मानकीकरण किया और कमजोर युवा दिलों की रक्षा के लिए सिफारिशें प्रदान कीं।मर्डोक चिल्ड्रेन के एसोसिएट प्रोफेसर राहेल कोनियर्स ने कहा कि इलाज के दौरान दिल के खराब दुष्प्रभावों की निगरानी के लिए अंतरराष्ट्रीय गाइडलाइंस व्यस्क रोगियों के लिए मौजूद हैं। लेकिन बच्चों के लिए गाइडलाइंस नहीं था।
कैंसर से ठीक हुए बच्चों में दिल की बीमारी का जोखिम ज्यादा
उन्होंने कहा कि नई कैंसर दवाओं की सफलता ने हृदय संबंधी दुष्प्रभावों की संभावना को बढ़ा दिया है, जो ट्रीटमेंट के दौरान शुरुआती दिनों में होते हैं। गाइडलाइंस फॉलो करने के बाद दिल की स्वास्थ्य निगरानी की गारंटी देते हैं। बचपन के कैंसर के इलाज में डेवलमेंट होने की वजह से 80 प्रतिशत से ज्यादा बच्चों के जीवित रहने की दर बढ़ गई हैं। लेकिन कैंसर से बाहर निकले बच्चों के गंभीर स्वास्थ्य परिणामों का सामना करना पड़ सकता है। इसलिए हेल्थ पर फोकस करना और उसका इलाज जरूरी है।
दिल से जुड़ी बीमारी से हो रही ज्यादा मौतें
उन्होंने कहा, 'बचपन के कैंसर से बचे लोगों के लिए दिल की जटिलताएं मौत का एक प्रमुख कारण हैं, जो कैंसर से बचने के बाद दूसरे स्थान पर हैं। सटीक दवाओं सहित आधुनिक उपचारों ने उन एजेंटों को व्यापक बना दिया है जो हृदय की समस्याओं का कारण बन सकते हैं।'बचपन के कैंसर से बचे लोगों में दिल की विफलता होने की संभावना 15 गुना अधिक होती है और सामान्य आबादी की तुलना में आठ गुना अधिक हृदय रोग होने की संभावना होती है।
एसोसिएट प्रोफेसर कॉनयर्स ने कहा कि दिशानिर्देश बच्चों के दिल पर कैंसर की दवाओं के हानिकारक प्रभाव को कम करने के लिए चिकित्सकों के लिए एक अनिवार्य उपकरण होगा।ऑस्ट्रेलियाई और न्यूजीलैंड विशेषज्ञ समूह में बाल चिकित्सा और वयस्क हृदय रोग विशेषज्ञ और बाल चिकित्सा ऑन्कोलॉजिस्ट शामिल थे, जिन्होंने कार्डियो-ऑन्कोलॉजी देखभाल के 11 क्षेत्रों में डेल्फी सर्वसम्मति दृष्टिकोण अपनाया।
और पढ़ें:
45 साल की उम्र में 18 साल का जवां लड़का बना ये शख्स, जानें कैसे पाया उम्र पर काबू
iNCOVACC VACCINE: नेजल वैक्सीन लगवाने से पहले जानें इसके do's and don'ts