
How to Identify Real Rudraksha At Home: रुद्राक्ष हिंदू धर्म में भगवान शिव का प्रतीक माना जाता है और इसे पहनने से मानसिक शांति, सकारात्मक ऊर्जा और स्वास्थ्य लाभ मिलने की मान्यता है। लेकिन आजकल बाजार में नकली रुद्राक्ष भी खूब बिक रहे हैं, जो दिखने में असली जैसे होते हैं लेकिन उनका कोई आध्यात्मिक या औषधीय लाभ नहीं होता। ऐसे में अगर आप रुद्राक्ष की माला या दाने खरीद रहे हैं, तो पहले उसकी असलियत जांचना बेहद जरूरी है। अच्छी बात यह है कि इसके लिए आपको किसी लैब जाने की ज़रूरत नहीं — आप घर पर ही कुछ आसान टेस्ट करके असली और नकली रुद्राक्ष पहचान सकते हैं।
असली रुद्राक्ष पानी में डालने पर डूब जाता है, जबकि नकली अक्सर ऊपर तैरता है। कभी-कभी नकली रुद्राक्ष को भारी बनाने के लिए अंदर सीसा या धातु डाल दी जाती है, जिससे वह भी डूब जाता है, इसलिए केवल इस टेस्ट पर भरोसा न करें। नीचे दिए गए दूसरे टेस्ट से भी चेक करें।
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असली रुद्राक्ष के अंदर प्राकृतिक छेद होता है जो ऊपर से नीचे तक सीधा होता है। नकली में यह छेद आर्टिफिशियल तरीके से ड्रिल करके छेद किया जाता है, जिससे उसका किनारा साफ व एक समान दिखता है।
असली रुद्राक्ष का रंग हल्का भूरा से गहरा भूरा होता है और उसकी सतह पर नेचुरल रेखाएं व खांचे होते हैं। नकली में रंग एक समान या पेंट सेम लगता है। आप चाहें तो इसे गर्म पानी में उबालकर देख सकते हैं, गर्म पानी में नकली रुद्राक्ष का पॉलिश धुलने लगेगा और असली जैसे का तैसा लगेगा।
असली रुद्राक्ष को हल्के से खुरचने पर उसका रंग जल्दी नहीं उतरता है। नकली में पॉलिश या रंगत कांटे से रखोड़ने पर उतर जाती है और अंदर से अलग रंग दिखता है।
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रुद्राक्ष को दूध में डालकर 1–2 घंटे के लिए छोड़ दें। असली रुद्राक्ष दूध को खराब नहीं करता, जबकि नकली में मिलावट या केमिकल होने से दूध का रंग, महक और स्वाद बदल सकती है।