बिना किस डर के इस देश में गर्भपात कराने का मिला अधिकार, क्या कहता है भारत का Law

गर्भपात को संवैधानिक करने की मांग पूरी दुनिया की महिलाएं करती आ रही हैं। लेकिन एक देश को छोड़कर अभी किसी भी जगह इसे संवैधानिक दर्जा नहीं मिला है। भारत का इस बारे में क्या कहना है जानते हैं।

लाइफस्टाइल डेस्क. अपने देश में लंबे वक्त से महिलाओं की मांग पर फ्रांस ने आखिरकार कदम उठा ही लिया है। इस देश ने महिलाओं को गर्भपात का संवैधानिक अधिकार दे दिया है। ऐसा करने वाला यह पहला मुल्क बन गया है। राष्‍ट्रपति इमैनुएल मैक्रों (Emmanuel Macron) ने इसके लिए सोमवार (4 मार्च 2024) को संसद के दोनों सदनों का विशेष सत्र बुलाया था। गर्भपात के अधिकार को लेकर आए प्रस्ताव के पक्ष में सांसदों के मतदान के बाद इसे पास कर दिया गया।

फ्रांसीसी राष्ट्रपति मैक्रों ने कहा कि उन्‍होंने महिलाओं को गर्भपात का संवैधानिक अधिकार देने का वायदा किया था,जिसे उन्होंने पूरा किया। अब ये कानून महिलाओं को गर्भपात कराने की आजादी देता है। 1958 के संविधान में इसे लेकर संशोधन किया गया। वर्साय की संसद ने इस प्रस्ताव को 780-72 वोटों से पास कर दिया। फ्रांस की महिलाओं में इसे लेकर खुशी हैं। लेकिन वेटिकन समेत गर्भपात विरोधी समूह इसे लेकर कड़ी आलोचना कर रहे हैं।

Latest Videos

संवैधानिक अधिकार मिला

हालांकि फ्रांस में 1975 में गर्भपात को लेकर कानून है। फ्रांस में यह लीगल था। लेकिन अब इसमें बदलाव करते हुए संवैधानिक अधिकार के दायरे में ला दिया गया है। संसद में मतदान और प्रस्ताव के पास होने के बाद पेरिस में एफिल टॉवर पर माई बॉडी माई चॉइस की लाइट डालते हुए शानदार जश्न मनाया गया।

भारत में गर्भपात को लेकर क्या कहता है कानून

भारत में गर्भपात लीगल है लेकिन उसके लिए कुछ कंडिशन होते हैं। मेडिकल टर्मिनेशन ऑफ प्रेगनेंसी एक्ट 1971 के अनुसार एक लाइसेंस धारी डॉक्टर ही गर्भपात कर सकता है।

-यदि गर्भावस्था से गर्भवती महिला के मानसिक या शारीरिक स्वास्थ्य को खतरा हो या भ्रूण के गंभीर मानसिक रूप से पीड़ित होने की संभावना हो, या प्रसव होने पर शारीरिक असामान्यताएं हो सकती हों, ऐसे कंडिशन में महिला का गर्भपात हो सकता है।

-यदि कोई महिला 20 सप्ताह से कम समय से गर्भवती है, तो केवल एक डॉक्टर को ही यह तय करना होगा कि गर्भपात सुरक्षित है या नहीं।

-अगर गर्भावस्था 20 से 24 सप्ताह के बीच है, तो दो डॉक्टरों को हेल्थ से जुड़ी चिंताओं का आंकलन करना होगा।

-20-24 सप्ताह के बीच गर्भपात के विकल्प का उपयोग केवल कुछ महिलाएं ही कर सकती हैं, जैसे बलात्कार पीड़िता, नाबालिग, मानसिक या शारीरिक रूप से बीमार औरतें।

-अगर गर्भनिरोधक गोली लेने के बाद भी महिला प्रेग्नेंट हो जाती है तो इसे मानसिक सदमा मानते हुए गर्भपात कराने की अनुमति होगी।

और पढ़ें:

बहू को हग, पत्नी को Kiss, अंबानी फैमिली की 'हम साथ-साथ वाली' 10 PHOTOS

नीता अंबानी की हर रोज 'क्लास' लगाते थे ससुर धीरूभाई अंबानी

Share this article
click me!

Latest Videos

दिल्ली चुनाव से पहले केजरीवाल को कोर्ट से लगा झटका, कर दिया इनकार । Arvind Kejriwal । Delhi HC
UP bypoll Election 2024: 3 सीटें जहां BJP के अपनों ने बढ़ाई टेंशन, होने जा रहा बड़ा नुकसान!
Maharashtra Election: CM पद के लिए कई दावेदार, कौन बनेगा महामुकाबले के बाद 'मुख्य' किरदार
SC on Delhi Pollution: बेहाल दिल्ली, कोर्ट ने लगाई पुलिस और सरकार को फटकार, दिए निर्देश
'मणिपुर को तबाह करने में मोदी साझेदार' कांग्रेस ने पूछा क्यों फूल रहे पीएम और अमित शाह के हाथ-पांव?