International Mother Language Day 2024: मातृभाषा दिवस का क्या है इतिहास और इससे जुड़ी घटनाएं

International Mother Language Day 2024: अंतरराष्ट्रीय भाषा दिवस हर साल 21 फरवरी को मनाया जाता है। मातृभाषा के महत्व के बारे में जागरूकता बढ़ाने और बहुभाषावाद को बढ़ावा देने के लिए यह एक महत्वपूर्ण दिन है।

Nitu Kumari | Published : Feb 21, 2024 2:20 AM IST / Updated: Feb 21 2024, 07:51 AM IST

लाइफस्टाइल डेस्क. भाषा हमारी जिंदगी का अहम हिस्सा है। एक दूसरे के साथ संवाद करने के लिए यह एक जरिया है। मातृभाषा पूरे देश के लोगों को एक साथ जोड़कर रखती है। इसलिए इसका सम्मान और सीखना बहुत जरूरी होता है। अंतरराष्ट्रीय भाषा दिवस (International Mother Language Day 2024) 21 फरवरी को मानाया जाता है। बात अगर हम अपने देश भारत की करें तो यह भाषाई और सांस्कृतिक विविधता को बढ़ावा देता है। यह दिन उन सभी के लिए बेहद महत्वपूर्ण है जो अपनी मातृभाषा में सुधार करना चाहते हैं और इसके बारे में अधिक जानना चाहते हैं।

अंतरराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस 2024: इतिहास (International Mother Language Day History)

इस दिन को पहली बार 1952 में बांग्लादेश में प्रस्तावित किया गया था। बंगाली को देश की आधिकारिक भाषा बनाने के लिए आंदोलन शुरू करते समय चार छात्र मारे गए थे।1999 में, संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक, वैज्ञानिक और सांस्कृतिक संगठन (यूनेस्को) ने अंतरराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस नामित किया। संयुक्त राष्ट्र की महासभा ने भी इस प्रस्ताव का स्वागत किया।

अंतरराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस 2024 थीम (International Mother Language Day Theme)

इस साल अंतरराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस की थीम है "बहुभाषी शिक्षा - सीखने और अंतर-पीढ़ीगत शिक्षा का एक स्तंभ।" यह विषय मातृभाषा की सांस्कृति विरासत और पारंपरिक ज्ञान को सुरक्षित करने की जरूरत पर जोर देता है। यह शांतिपूर्ण सह अस्तित्व और निरंतर विकास को बढ़ावा देने में बहुभाषावाद के अहमियत पर प्रकाश डालता है।

अंतरराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस 2024: महत्व (International Mother Language significance)

अंतरराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस का प्राथमिक मकसद भाषाई और सांस्कृतिक विविधता को संरक्षित करना है। इसका उद्देश्य अंतर-पीढ़ीगत शिक्षा और सांस्कृतिक संरक्षण को बढ़ावा देना भी है। यह वक्त मदर लैंग्वेज का उपयोग करने और जश्न मनाने का अवसर देता है। यह सांस्कृतिक समझ, शांति और सतत विकास को बढ़ावा देने में बहुभाषावाद के महत्व की भी याद दिलाता है।

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