
नवरात्रि या देवी पूजा के बाद घर में रखी मातारानी की चुनरी कई बार लोग संभाल नहीं पाते और सोचते हैं कि इसे अब कहा रखें। लेकिन धार्मिक मान्यता के अनुसार, चुनरी को फेंकना अशुभ माना जाता है। अगर आप चाहें तो इसे घर और जीवन में कई शुभ कामों में उपयोग कर सकते हैं। आइए जानते हैं मातारानी की चुनरी के 4 बेस्ट यूज।
मातारानी की चुनरी को घर के मंदिर में या पूजन स्थल पर सजाकर रखें। इससे घर में पॉजिटिव एनर्जी आती है और पूजा का स्थान और भी पवित्र हो जाता है। आप चाहें तो घर या गार्डन के पौधों पर चुनरी के छोटे-छोटे टुकड़े बांध सकते हैं। मान्यता है कि इससे पौधों की ग्रोथ बेहतर होती है और घर में पॉजिटिव एनर्जी आती है।
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नवरात्रि या देवी पूजन में मातारानी को लहंगा-चोली पहनाना बेहद शुभ माना जाता है। इसे घर पर आसानी से बनाया जा सकता है आप लाल, पीला या हरे रंग की चुनरी लेकर इसे गोल आकार में काटें और किनारों पर सुनहरी लेस या गोटा लगाकर लहंगा तैयार करें। छोटे कपड़े से चोली बनाएं और मोती, स्टोन या सीक्विन से सजाएं। साथ ही मैचिंग दुपट्टा बनाकर देवी जी के कंधे पर ओढ़ा दें। चाहें तो हर दिन अलग रंग अर्पित करके पूजा को और भव्य बना सकते हैं।
शादी-ब्याह, नामकरण संस्कार या कोई भी फेस्टिवल शुभ कार्य हो, उसमें मातारानी की चुनरी को सजावट या मंगल कलश पर बांधने के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है। आप इससे तोपण भी बना सकते हैं। यह शुभता और मंगल का प्रतीक माना जाता है। आप दीवाली, करवाचौथ या तीज जैसे त्योहारों पर चुनरी को तोरण, पंडाल या थाल सजाने में उपयोग कर सकते हैं।
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अगर आपके घर में स्थायी रूप से कलश या देवी प्रतिमा स्थापित है तो चुनरी को वहां ओढ़ाकर रखें। मान्यता है कि ऐसा करने से घर में सुख-समृद्धि बनी रहती है और माता रानी की कृपा मिलती है। चुनरी से पतले स्ट्रिप्स काटकर कलाई में रक्षा धागे की तरह बांधा जा सकता है। यह निगेटिव एनर्जी से बचाव करता है।