अपनी भावनाओं को छुपाने के लिए लोग करते हैं emojis का प्रयोग,स्टडी में चौंकाने वाला खुलासा

जापान के रिसर्चर ने खोज किया है कि लोग इमोजी का उपयोग अपने निगेटिव सेंटिमेंट को छुपाने और पॉजिटिव थॉट्स को पहुंचाने के लिए करते हैं। जैसे-जैसे इंटरेक्शन ऑनलाइन होते जा रहे हैं, इस पर शोध होने लगे हैं कि इमोशन और इमोजी का क्या संबंध है। 

लाइफस्टाइल डेस्क. सोशल मीडिया फिर वो चाहे फेसबुक हो या व्हाट्सप्प, इंस्टाग्राम हो या ट्विटर हर जगह लोग इमोजी के जरिए अपनी भावनाओं को जाहिर करते हैं। सवाल है कि वाकई वो अपने भावना के अनुसार ही इमोजी (emojis) शेयर करते हैं, या फिर इसके पीछे कुछ छुपाने की कोशिश होती है। जापान में शोधकर्ताओं ने इसे लेकर स्टडी की।

जैसे-जैसे लोग ऑनलाइन अधिक सोशल इंटरेक्शन बनाने लगे हैं, वैज्ञानिक इस बात की जांच कर रहे हैं कि अलग-अलग कॉन्टेक्स्ट यानी संदर्भ में हमारी इमोशन को दिखाने के लिए इमोजी का उपयोग कैसे किया जाता है। क्या ऐसे डिस्प्ले रूल हैं जो इमोजी पर लागू होते हैं। वे लोगों के हित को कैसे प्रभावित करते हैं। टोक्यो विश्वविद्यालय के मोयू लियू (Moyu Liu) जिन्होंने मनोविज्ञान में फ्रंटियर्स में प्रकाशित एक अध्ययन में इस प्रश्न की जांच की। उन्होंने कहा कि हालांकि मुझे ये एहसास हुआ कि इससे हम अपनी वास्तविक इमोशन से संपर्क खो सकते हैं।

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शोध में इतने लोग हुए शामिल

इस स्टडी के लिए लियू ने 1,289 प्रतिभागियों को शामिल किया। ये लोग जापान में सबसे अधिक डाउनलोड किए जाने वाले इमोजी कीबोर्ड, शिमेजी (Simeji) के सभी उपयोगकर्ता हैं। इन्हें स्टडी में शामिल करने का मकसद था ये देखना का ये लोग भावनाओं यानी इमोशन को छुपाने या जाहिर करने के लिए इमोजी का कैसे उपयोग करते हैं।

अंदर की भावना कुछ और दिखाने के लिए कुछ और

पिछले शोध में यह देखा गया ता कि लोग इमोजी का उपयोग चेहरे के भावों के अनरूप करते थे। लेकिन व्यक्त और अनुभव की गई भावनाओं के बीच संबंध नहीं है। यह तब होता है जब प्रदर्शन नियम समस्याग्रस्त साबित हो सकते हैं। यदि आपके द्वारा अनुभव किए जाने वाले इमोशन और व्यक्त किए जाने वाले इमोशन के बीच असंगति बहुत अधिक है। इससे इमोशन खिंचाव विकसित होता है। हालांकि अलग-अलग संस्कृतियों के लोगों का अनुभव अलग हो सकता है।

इमोशन को व्यक्त कर देना कल्याणकारी हो सकता है

डिस्प्ले रूप निगेटिव इमोशन पर अधिक प्रभाव डालते हैं, जिन्हें व्यक्त करना आमतौर पर कम जरूरी माना जाता है।यह अक्सर किसी ऐसे व्यक्ति के लिए भावनाओं को व्यक्त करने के लिए अधिक स्वीकार्य होता है जो आपके करीब होता है। लियू ने पाया कि लोग निजी परिस्थिति या करीबी दोस्तों के साथ इमोजी के साथ अधिक इमोशन को व्यक्त करना पसंद करते हैं। लेकिन कुछ लोगों के साथ वो अपने इमोशन को छुपा लेते हैं और स्माइली इमोजी शेयर करते हैं। निगेटिव इमोजी का इस्तेमाल लोग वहीं करते हैं जहां पर नेगेटिव फीलिंग्स को बहुत मजबूती से महसूस किया जाता है। हालांकि भावनाओं को छुपाने की तुलना में इमोजी के साथ इसे शेयर करना व्यक्ति के लिए ज्यादा सही हो सकता है। जैसे-जैसे हम ऑनलाइन संपर्क में ज्यादा आ रहे हैं अपने इमोशन को दबाने लगे हैं। जो कि सही नहीं हैं।

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