
Bhopal Gohar Mahal: मध्य प्रदेश स्थित भोपाल शहर नवाबों का शहर कहा जाता है। इसे नवाबों का शहर इसलिए कहते हैं क्योंकि यहां पर बनीं कुछ इमारतें एक कहानी की गवाह हैं। भोपाल स्थित गौहर महल, झील और मस्जिद देश भर में प्रसिद्ध हैं। भोपाल की खूबसूरती में चार चांद लगाते गौहर महल की कहानी भी बेहद दिलचस्प है। हाल ही में भोपाल में ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट (Global investors summit 2025) चल रही है। अगर आप भोपाल जाते हैं तो गौहर महल जरूर जाएं।
गौहर महल का निर्माण 1820 ईवी में बेगम कुदसिया ने करवाया था। बेगम कुदसिया को गौहर बेगम के नाम से भी जाना जाता है। उन्ही के नाम पर इस महल का नाम गौहर महल पड़ा। इस महल में एक खास कमरा है जो अंधेरे में भी चमचमाता है। जानिए ऐसी क्या खास बात है गौहर महल में जो इसे चर्चा का विषय बनाती है।
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भोपाल की आठवी महिला शासक के रूप में बेगम कुदसिया ने राज किया और अपर लेक (बड़ा तालाब) के पास गौहर महल का निर्माण करवाया। गौहर महल का निर्माण 4.5 एकड़ में कराया गया।बेल्जियम से मंगाए गए कांच से महल के खिड़की और दरवाजों को सजाया गया। साथ ही गौहर महल की खिड़कियों में खास तरह की नक्काशी भी कराई गई जो इसे शाही लुक देती है।
गौहर महल में बेगम कुदसिया का कमरा बेहद खास है। इसकी दीवारों में अभ्रक जैसे चकीले पदार्थ से नक्काशी की गई है। रात में अंधेरे में अगर मोमबत्ती जलाएं तो पूरा कमरा जगमगा उठता है। पहले के समय में रात के उजाले का माध्यम दिया या मोमबत्ती ही हुआ करती थीं। इसी को ध्यान में रखकर कमरे की नक्काशी कराई गई थी। संगमरमर के पत्थर इस महल को खास बनाते हैं।
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