वैसे तो प्यार सोच समझकर नहीं होता है। लेकिन बिना सोचे-समझे प्यार करने का नतीजा कभी-कभी भयंकर होता है जैसा कि 19 साल की लड़की के साथ हुआ। ना चाहते हुए भी वो प्रेग्नेंट हो गई और फिर चुपचाप अबॉर्शन का फैसला लिया।
रिलेशनशिप डेस्क. मां बनकर महिला संपूर्ण हो जाती है। हर किसी का सपना होता है कि वो एक नन्हे से जीवन को इस दुनिया में लेकर आए। लेकिन प्रेग्नेंसी कैसी हो वो उनका फैसला होता है। लेकिन कई बार औरतें अनचाही प्रेग्नेंसी का शिकार हो जाती है और अबॉर्शन का विकल्प चुनना पड़ता है। वो ना सिर्फ इस वजह से शारीरिक तकलीफ से गुजरती है, बल्कि मेंटली भी डिस्टर्ब हो जाती हैं। अमेरिका के टेक्सास में रहने वाली 19 साल की लड़की ने प्रेंग्नेंसी और अबॉर्शन की कहानी सुनाई जो उन लड़कियों को सावधान करती हैं जो प्यार में अंधी हो जाती हैं।
19 साल की लड़की ने बताया कि जब वो रिलेशनशिप में थी तो काफी टॉर्चर हुआ। एक्स ब्वॉयफ्रेंड उसके साथ मारपीट करता था। इस दौरान वो ना चाहते हुए भी प्रेग्नेंट हो गई। लड़की बताती है कि पेट के एक हिस्से में काफी ज्यादा ऐंठन होने लगी। पहले लगा कि ओवरी में सिस्ट की वजह से ऐसा हो रहा है। लेकिन जब दर्द ज्यादा हुआ तो टेस्ट कराया, जिसमें पता चला कि मैं प्रेग्नेंट हूं। मेरी प्रेग्नेंसी 5 हफ्ते की हो चुकी थी। प्रेग्नेंट होना उनके लिए एक अभिशाप जैसा था। कॉलेज स्टूडेंट होने की वजह से कई लोगों मुझे ताने मारने लगें। मेरे बारे में बातें बनाने लगें। उन्हें चिंता थी कि अगर मैंने बच्चे को जन्म दिया तो उसका भविष्य क्या होगा। उन लोगों को मेरी चिंता नहीं थी कि मेरा क्या होगा।
कम्यूनिटी ने नहीं कि मदद तो ऑर्गेनाइजेशन बना सहारा
मेरे पास उसे हटाने के सिवा कोई चारा नहीं था। लड़की आगे बताती है कि अल्ट्रासाउंड कराने के बाद डॉक्टर्स ने बताया कि मेरी प्रेग्नेंसी में काफी ज्यादा खतरा है। कम्यूनिटी में मदद नहीं मिलने के बाद मैं ने एक ऑर्गेनाइजेशन से हेल्प मांगी। इके बाद ऑर्गेनाइजेशन ने प्रेग्नेंसी के बारे में सभी तरह की जानकारी दी। इसके बाद मैंने चुपचाप अबॉर्शन कराने का फैसला लिया। इसके बाद मैं क्लिनिक गई। जहां पर मौजूद डॉक्टर ने इसके प्रोसीजर के बारे में बताया। उन्होंने मुझे पिल्स दी। अबॉर्शन के दौरान वहां स्थित डॉक्टर ने मेरा पूरा ख्याल रखा । इतना ही नहीं डॉक्टर ने यह सुनिश्चित किया कि दवाई लेते वक्त मैं मेंटली खुद को सेफ महसूस करूं।
उन लड़कियों के लिए काम करती हो जिनकी कहानी मेरी तरह है
अब मैं उन लड़कियों की मदद करती हूं जो उस सिचुएशन का सामना कर रही हैं जिससे मैं गुजर चुकी हूं। इस साल बैचलर ऑफ साइंस इन नर्सिंग में ग्रेजुएट होने वाली लड़की ने आगे बताया। एक्स ब्वॉयफ्रेंड और अपनी कम्यूनिटी के टॉर्चर की शिकार लड़की क्रिटिकल केयर में अपनी ड्रीम जॉब कर रही है।
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