
हर इंसान के जीवन में दादी-नानी का साथ एक अनमोल तोहफा होता है। उनका लाड-प्यार, कहानियां और संस्कार बच्चों की जिंदगी को रंगीन बना देते हैं। लेकिन कई बार ये प्यार जरूरत से ज्यादा हो जाता है और बच्चे की परवरिश पर उल्टा असर डालने लगता है। पेरेंट्स जहां बच्चों को डिसिप्लिन और बाउंड्री सिखाने की कोशिश करते हैं, वहीं दादी-नानी का ओवर लव बच्चों को बाउंड्री से बाहर निकाल देता है। यही वजह है कि कुछ छोटी-छोटी गलतियां बच्चों के स्वभाव को बिगाड़ सकती हैं। साथ ही पेरेंट्स के लिए भविष्य में मुश्किलें भी खड़ी कर सकती है। ऐसे में चाइल्ड एक्सपर्ट श्वेता गांधी ने कुछ गलतियां बताई है, जो किसी भी दादा-दादी और नाना-नानी को नहीं करना चाहिए।
दादी-नानी अक्सर बच्चों को खुश करने के लिए हर चीज के लिए "हां" कह देते हैं। चाहे वह खिलौना हो, आइसक्रीम हो या देर रात तक जागना, बच्चे की हर डिमांड पूरी हो जाती है। इससे बच्चा "ना" सुनने की आदत नहीं डाल पाता और धीरे-धीरे सीमाएं तोड़ना सीख जाता है। पेरेंट्स द्वारा बनाए गए रूल्स टूट जाते हैं और बच्चा अपनी मनमर्जी से चीजें करने लगता है।
इसे भी पढ़ें- Over Parenting Effect: क्या है ओवर पेरेंटिंग टर्म? जानें कैसे आपके बच्चे के लिए हो सकता है हार्मफुल
अक्सर दादी-नानी किसी बच्चे की तुलना दूसरे बच्चों से करते हैं, "देखो तुम्हारा भाई कितना तेज है" या "तुम्हारी दोस्त कितनी अच्छी ड्राइंग करती है।" ऐसे शब्द बच्चों के दिल में गहरी चोट दे सकती है। इससे उनमें जलन, असुरक्षा और खुद को कम आंकने की आदत लग जाती है। साथ ही बच्चों का आत्मविश्वास भी कमजोर पड़ने लगता है।
बच्चों की अच्छी परवरिश के लिए रूटीन बहुत जरूरी होता है, समय पर सोना, सही खाना और हेल्दी आदतें। लेकिन दादी-नानी अक्सर बच्चों को खुश करने के चक्कर में रूटीन बिगाड़ देते हैं। चॉकलेट, चिप्स, आइसक्रीम खिलाना या देर रात तक जागना उन्हें अच्छा तो लगता है, पर पेरेंट्स के लिए यह मुश्किलें खड़ी कर देता है। बच्चे का स्लीप पैटर्न बिगड़ता है और हेल्थ पर असर पड़ता है।
अगर दादी-नानी बच्चों के सामने उनके पेरेंट्स की बुराई करती हैं, तो ये बच्चे के मन में पेरेंट्स के प्रति रिस्पेक्ट और विश्वास को कम करता है। बच्चा कंफ्यूज हो जाता है कि किसकी बात माने और किसकी न सुने। लंबे समय तक ऐसा ही चलते रहने पर यह बच्चे और पेरेंट्स के रिश्ते में दूरी भी पैदा कर सकता है।
इसे भी पढ़ें- पैरेंटिंग के ये 5 रेड फ्लैग, जो बच्चों को करते हैं ओवरऑल इफेक्ट
कई बार दादी-नानी बच्चों को मोटिवेट करने के लिए कहते हैं, "अगर तुम ये करोगे तो मैं तुम्हें चॉकलेट दूंगी।" यह तरीका बच्चों में गलत आदत डालता है। बच्चा हर काम इनाम की उम्मीद में करता है, न कि जिम्मेदारी या सही-गलत समझ कर। यह उसकी ग्रोथ को रोकता है और भविष्य में उसे "रिवार्ड-ओरिएंटेड" बना देता है।