बेस्ट फ्रेंड का मतलब होता है सुख-दुख का साथी। एक ऐसा दोस्त जिसके सामने आप अपना दिल खोलकर रख दें। लेकिन कई बार हम ऐसे दोस्त को अपना सबसे अच्छा वाला दोस्त मान बैठते हैं जो मतलबी होते हैं।
रिलेशनशिप डेस्क. कई सालों तक मैं इस भुलावे में थी कि वो मेरी सबसे अच्छी सहेली है। अपने दिल की हर राज उसके सामने खोल देती थी।ये सोचती थी कि मेरा हर राज उसके दिल में महफूज रहेगा। लेकिन एक दिन मुझे तब झटका लगा जब मेरी एक दोस्त मेरे उस सीक्रेट के बारे में पूछ लिया जिसे सिर्फ मैंने उसे ही बताया था। मुझे लगा कि मेरी वो हर बातें जिसे दबे रहने की जरूरत थी वो सार्वजनिक हो चुकी है। ये काम मेरी पक्की सहेली ने किया..अक्सर हम इस तरह के घटना से गुजरते हैं। जिसे आप अपना मानती है वो कभी-कभी धोखा देकर निकल जाता है।
दोस्ती का रिश्ता विश्वास, समर्थन और आपसी समझ पर टिका होता है। लेकिन अगर आपकी बेस्ट फ्रेंड में ईमानदारी की कमी है तो यह दोस्ती को ना सिर्फ कमजोर बना देती है बल्कि किसी पर भी भरोसा करने की इच्छा भी खत्म कर देती है। अगर आप भी जिसे अपना बेस्ट फ्रेंड मानती है वो सचमुच ईमानदार है या नहीं इन 10 संकेतों से पहचान सकती हैं। जिसका जिक्र हम यहां पर करेंगे, ताकि आप अपने रिश्ते को टटोल कर देख सकें।
बेस्ट फ्रेंड आपके साथ हमेशा खड़े होते हैं। मुश्किल वक्त में वो आपका सपोर्ट सिस्टम बनकर खड़े होते हैं। अगर आपकी बेस्ट फ्रेंड में इस चीज की कमी दिखती है तो यकीनन वो आपकी सबसे अच्छी दोस्त नहीं हो सकती है। हम अगर कुछ काम करने जा रहे हैं या किसी दर्द में है तो वो हमें राह दिखाती है, हमारी भलाई के बारे में सोचती है। वो आपकी सच्ची साथी होती है।
एक नकली दोस्त हमेशा अपने फायदे की सोचती है। वो अपनी जरूरतों को प्रॉयरिटी देती है और आपकी भावनाओं की परवाह नहीं करती है। जब आप अपने साथ उसे कहीं चलने को कहे तो वो बहाने बना दें और जब उसे कहीं जाना तो खिंच कर ले जाए, इस तरह के कई बिहेयवियर बताते हैं कि आप एक नकली दोस्त को अपना सच्चा साथी मान रही हैं।
ऐसे दोस्तों के साथ रहना बोझिल हो सकता है क्योंकि वे हमेशा ध्यान आकर्षित करना चाहते हैं और नेगेटिव एनर्जी फैलाते हैं। वो सिर्फ अपनी तारीफ करती हो। आपकी परेशानी को लेकर पॉजिटिव बातें करने की बजाय नेगेटिव बातें करती हो। अरे ऐसा की तो ये हो जाएगा, वैसा की तो वो हो जाएगा जैसी बातें।
अगर आपकी दोस्त तारीफ के नाम पर मजाक करती है या आपको नीचा महसूस कराती है, तो यह ईमानदारी की कमी का संकेत है। इसके साथ ही अगर आपकी दोस्त दूसरों की बुराई आपके सामने करती है तो संभव है कि वह आपकी भी पीठ पीछे आलोचना करती हो।
अगर आपकी दोस्त कभी भी योजना बनाने में या दोस्ती को बनाए रखने में प्रयास नहीं करती, तो यह दिखाता है कि वह इस रिश्ते में इंवेस्ट नहीं करना चाहती है। वो बस आपके साथ ऐसे ही है।
सच्ची दोस्त आपकी सफलता में खुश होती है। लेकिन अगर आपकी दोस्त आपकी उपलब्धियों पर नाराज या कंपीटिटर महसूस करती है तो यह बड़ा खतरा है। ऐसी दोस्त से तुरंत दूर हो जाना चाहिए। क्योंकि वो आपको कभी ना कभी नुकसान भी पहुंचा सकती है।
अगर आपकी दोस्त सिर्फ आपसे कुछ चाहिए तभी बात करती है। या फिर अपनी समस्याओं को आपके ऊपर थोपती है तो यह भी बेस्ट फ्रेंड की निशानी नहीं है। दोस्ती में संतुलन जरूरी है।
कभी कभार दोस्त की आलोचना सुननी चाहिए अगर वो आपकी भलाई के लिए हो तो। लेकिन अक्सर बेस्ट फ्रेंड आपकी आलोचना करने लगे आपको हर चीज के लिए जज करें तो फिर ये दोस्ती सच्ची नहीं होती है। यह दिखाता है कि रिश्ते में सम्मान की कमी है। वो आपका सम्मान बिल्कुल नहीं करती है।
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