Arranged Marriage 2.0: पापा-मम्मी भी हैरान, अरेंज मैरेज का शुरू हुआ नया युग

पहले अरेंज मैरिज में दूल्हा-दुल्हन की पहली मुलाकात शादी के दिन होती थी, लेकिन अब सब बदल गया है। आजकल लड़के-लड़की शादी से पहले मिलते हैं, घूमते हैं, और एक-दूसरे को समझते हैं।

रिलेशनशिप डेस्क. यार कैसे निभा पाओगी एक ऐसे इंसान के साथ जिसे तुम जानती नहीं हो। जिसे देखा नहीं हैं, बात नहीं की है। अरेंज मैरेज को लेकर लोगों के मन में यही कॉन्सेप्ट रहता था। लेकिन अब मम्मी-पापा के युग वाली अरेंज मैरेज नहीं हो रही है। पूरा का पूरा कॉन्सेप्ट ही बदल गया है। फैमिली की तरफ से तय की गई शादी सामाजिक परंपराओं और पारिवारिक जिम्मेदारियों से बंधा होता है। हालांकि यह आज भी है। लेकिन बातचीत या एक दूसरे को देखने वाली बातें अब बीते युग की हो गई हैं। आइए जानते हैं कि कैसे अरेंज मैरिज का स्वरूप आपके माता-पिता के जमाने से अब पूरी तरह बदल गया है।

पुराने समय की अरेंज मैरिज

पिछली पीढ़ियों में खासकर 20 वी सदी के मध्य तक अरेंज मैरेज मुख्य रूप से सोशल और फैमिली जिम्मेदारी थी। जाति, धर्म, आर्थिक स्थिति और फैमिली प्रतिष्ठा को ध्यान में रखकर जोड़ी तय करते हैं। पहली मुलाकात भी दूल्हा-दुल्हन की शादी वाले दिन होती थी। उस समय शादी को निजी पसंद की बजाय फैमिली के बीच एक सोशल बंधन माना जाता था। लोगों का कहना होता था कि प्यार और सामंजस्य जैसी चीजें शादी के बाद खुद ही आ जाती थी।

Latest Videos

शादी को दो आत्माओं का मिलन जो सात जन्मों के लिए होती थी माना जाता था। सारे धर्म में चाहे वो इस्माल हो, ईसाई हो सभी शादी के बंधन को पवित्र ही मानते हैं। सभी परंपराओं में होने वाली शादी को जीवन भर का साथ माना जाता है। लेकिन अब इसका स्वरूप बदल गया है।

मॉर्डन अरेंज मैरिज का बदला रंग

आज की अरेंज मैरिज पारंपरिक सीमाओं से बाहर निकल चुकी है। यह केवल परिवारों के बीच समझौता नहीं, बल्कि दोनों व्यक्तियों की पसंद और सहमति पर आधारित है। पहले की तरह अब लड़का लड़की बिना एक दूसरे से मिले या बात किए शादी नहीं करते हैं। वे कैफे में मिलते हैं। फैमिली की अनुमति से शादी से पहले ही छुट्टी पर जाते हैं। डेट करते हैं। एक दूसरे से पसंद और नापसंद साझा करते हैं।

लिव-इन रिलेशनशिप का प्रचलन

कुछ शहरी परिवार अब शादी से पहले जोड़ों को साथ रहने की अनुमति देते हैं ताकि वे एक-दूसरे को बेहतर तरीके से समझ सकें। अब फैमिली अपने बच्चों की पसंद और नापसंद को महत्व देते हैं।परिवार केवल मार्गदर्शक की भूमिका निभाते हैं, अंतिम निर्णय दूल्हा-दुल्हन का होता है।अरेंज मैरिज अब केवल सामाजिक परंपराओं से जुड़ा नहीं, बल्कि यह परंपरा और आधुनिकता का एक खूबसूरत मेल बन गया है। यह एक ऐसा रिश्ता है जो परिवारों की विरासत को बनाए रखते हुए व्यक्तिगत खुशी और सामंजस्य पर फोकस करता है।

और पढ़ें:

मार्केट नहीं Zerodha ने शेयर किया रिश्तों का ग्राफ, कितने सहमत आप?

रिश्ते में बना रहेगा विश्वास ! पति से बिल्कुल न छुपाएं ये 8 सीक्रेट

Share this article
click me!

Latest Videos

लहराती सूर्य ध्वजा के साथ महाकुंभ 2025 में आनंद अखाड़े का दिव्य प्रवेश #shorts #mahakumbh2025
'मेरे 80 वर्षीय पिता को गालियां दीं...' बाप बदलने वाले बयान पर फूट-फूटकर रोईं CM आतिशी
Earthquake Today: भूकंप के खौफ में घरों से निकले लोगों की 10 तस्वीरें
महाकुंभ 2025 में छा गए 'चाबी वाले बाबा', जानें रहस्यमयी चाबी और जीवन का अनोखा सफर
जब कोर्ट रूम में पहुंच गए 'बजरंगबली', देखिए क्या हुआ... #shorts #viralvideo