'कुछ-कुछ होता है' में अंजलि का किरदार हर किसी के दिल के करीब है। मस्तमौला, टॉमबॉयिश और सच्ची दोस्त फिर भी लोग राहुल को उससे प्यार नहीं हुआ। सवाल है कि ऐसे लड़कियों को लोग दोस्त बनाते हैं लेकिन इश्क करने से दूर क्यों भागते हैं। आइए जानते हैं।
रिलेशनशिप डेस्क. कॉलेज के इश्क की कहानी हर किसी की जिंदगी की खूबसूरत याद होती है। यहां से प्यार की कहानी शुरू होती है। किसी की अंजाम तक पहुंचती है तो किसी की ब्रेकअप तक। पर इन सबके बीच बिना इश्क के रह जाती हैं 'कुछ-कुछ होता है' कि अंजलि जैसी लड़कियां। जिससे लड़के दोस्त करना तो चाहते हैं। साथ में चिल भी करते हैं। लेकिन रिश्ता रखने के लिए टीना को चुनते हैं। आइए जानते हैं इसके पीछे की वजह।
टॉमबॉय स्वभाव की लड़कियां लड़कों के साथ मस्ती-मजाक और दोस्ती में माहिर होती हैं। लेकिन लड़कों में ऐसा स्टीरियोटाइप है कि लड़कियां ज्यादा "फेमिनिन" होनी चाहिए। मतलब लड़कियां स्टाइलिश, छुई मुई होना चाहिए। इस वजह से कई लड़के उन्हें सिर्फ दोस्त मानते हैं, पार्टनर नहीं।
लड़के अक्सर अंजलि जैसी लड़कियों को "ब्रो" या "बडी" मान लेते हैं। दोस्ती की गहराई में वे यह भूल जाते हैं कि यह लड़की उनकी परफेक्ट पार्टनर भी हो सकती है।
अंजलि जैसी लड़कियां अक्सर अपने नेचुरल लुक और कम ग्लैमरस दिखती हैं। वो लड़के जैसे ड्रेस पहनती हैं। उनकी तरह बात करती हैं। कई लड़के लुक्स पर ज्यादा ध्यान देते हैं और पहली नजर में उन्हें गंभीरता से नहीं लेते।
अंजलि जैसी लड़कियां आत्मनिर्भर और मजबूत होती हैं। कुछ लड़के ऐसी लड़कियों के साथ असुरक्षित महसू करते हैं। उन्हें लगता है कि वो उनपर हावी ना हो जाए। उन्हें डर लगता है ऐसी लड़कियों को पार्टनर बनाने से।
अंजलि जैसी लड़कियां लड़कों की बेस्ट फ्रेंड बन जाती हैं, जिससे लड़के उन्हें "रोमांटिक इंटरेस्ट" के रूप में वो उन्हें नहीं देख पाते हैं। वहीं अंजलि जैसी लड़कियां भी अपनी भावना को एक्सप्रेस नहीं कर पाती हैं।
हालांकि अंजलि जैसी लड़कियां मजबूत , ईमानदार और सच्ची होती हैं। अगर लड़के स्टीरियोटाइप्स से बाहर निकल कर देखें तो वो उनका नेचर और पर्सनालिटी देख सकते हैं। प्यार केवल ग्लैमर से नहीं, बल्कि जुड़ाव और आपसी समझ से होता है। इसलिए अगर आपके कॉलेज में कोई अंजलि जैसा दिखे तो अपनी फीलिंग को एक बार जगाकर तो देखिए।
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