
मध्य प्रदेश। शिवराज सरकार और जूनियर डॉक्टरों के बीच से ठन गई है। पांच दिन से हड़ताल पर बैठे करीब तीन हजार जूनियर डॉक्टरों ने इस्तीफा दे दिया है। बता दें कि इससे पहले जबलपुर हाईकोर्ट ने हड़ताल को अवैध करार दिया था। जूनियर डॉक्टर अपने स्टाइपेंड और सुविधाओं को लेकर कई मांगें कर रहे हैं। आरोप है कि हड़ताल तुड़वाने के लिए उन्हें पुलिस की ओर से धमकी दी जा रही है।
प्रदर्शनकारियों ने कही ये बातें
मध्य प्रदेश जूनियर डॉक्टर्स एसोसिएशन (जूडा) के अध्यक्ष अरविंद मीणा का कहना है कि राज्य सरकार ने तीसरे वर्ष के जूनियर डॉक्टर्स के इनरोलमेंट रद्द कर दिए हैं। इसलिए अब हम परीक्षा में कैसे बैठेंगे। स्नातकोत्तर (पीजी) कर रहे जूनियर डॉक्टर्स को तीन साल में डिग्री मिलती है, जबकि दो साल में डिप्लोमा मिलता है।
जल्द जाएंगे सुप्रीम कोर्ट
मध्य प्रदेश जूनियर डॉक्टर्स एसोसिएशन (जूडा) के अध्यक्ष अरविंद मीणा के मुताबिक हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती देने के लिए हम जल्द सुप्रीम कोर्ट जाएंगे। मेडिकल ऑफिसर्स एसोसिएशन एवं फेडरेशन ऑफ रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन भी हमारे साथ आ रहे हैं। दावा किया कि छत्तीसगढ़, राजस्थान, उत्तरप्रदेश, कर्नाटक, तमिलनाडु सहित सभी राज्यों, एम्स एवं निजी अस्पतालों के जूनियर डॉक्टर एवं सीनियर डॉक्टर भी हमारा समर्थन करेंगे।
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