पिता की मौत के बाद बच्ची का सहारा बना था शख्स, लेकिन करने लगा दरिंदगी, अब अंतिम सांस तक जेल में रहेगा दरिंदा

पिता की मौत के बाद जिस बेसहारा नाबालिग लड़की और उसकी मां को सहारा दिया हवस मिटाने को उसी की अस्मत लूट ली। हांलाकि इस मामले में अदालत से पीड़िता को न्याय मिला है और आरोपी को कोर्ट ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई है।

Ujjwal Singh | Published : Nov 30, 2022 3:54 AM IST / Updated: Nov 30 2022, 11:37 AM IST

बलपुर( Madhya Pradesh). मध्य प्रदेश के जबलपुर से एक ऐसा मामला सामने आया है जिसने इंसानियत को शर्मसार कर दिया है। पिता की मौत के बाद जिस बेसहारा नाबालिग लड़की और उसकी मां को सहारा दिया हवस मिटाने को उसी की अस्मत लूट ली। हांलाकि इस मामले में अदालत से पीड़िता को न्याय मिला है और आरोपी को कोर्ट ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई है।

जानकारी के मुताबिक अभियोजन पक्ष की ओर से कोर्ट को बताया गया कि 14 सितंबर 2018 को नाबालिग पीड़िता ने कटंगी थाने में शिकायत दर्ज कराई कि वह कक्षा आठवी तक पढ़ी है और मजदूरी करती है। उसके पिता का 15 साल पहले स्वर्गवास हो चुका है, तभी से वह अपनी मां के साथ रहती है। अनाथ होने के बाद पिता का दोस्त गुड्डा विश्वकर्मा उनका सहारा बना और उन्हें अपने साथ रख लिया। 20 अगस्त 2018 को रात्रि करीब 12:00 बजे गुड्डा विश्वकर्मा उसके पास सोते समय आया और जबरन बुरा काम किया और इसके बाद भी उसने 2-3 बार जबरन दुष्कर्म किया। उसके मना करने पर तथा किसी को बताने पर जान से मारने की धमकी दी। उसने घटना अपनी मां को बताई। जिसके बाद मां बेटी थाने पहुंची और केस दर्ज करवाया।

अदालत ने सुनाई आजीवन कारावास की सजा
किशोरी के साथ दुष्कर्म करने वाले आरोपी को जिला अदालत ने दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। पॉक्सो के विशेष न्यायाधीश ने आरोपी गुड्डा विश्वकर्मा पर एक हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है। इसके साथ ही अदालत ने पीड़िता को प्रतिकर के रूप में 50 हजार रुपये की राशि प्रदान करने के निर्देश दिए हैं।

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