कैप्टन वरुण सिंह को मां का आखिरी दुलार- माथा चूमते कहा- 8 दिन पहले क्यों नहीं गया, तेरे दर्द में तड़पती थी

इंडियन एयरफोर्स (Indian Air Force) के ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह (Group Captain Varun Singh) को भोपाल (Bhopal) में सैन्य सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी गई। वरुण की शहादत को हर कोई नमन कर रहा है। इससे पहले गुरुवार को बेंगलुरु (Bangalore) से वरुण की पार्थिव देह भोपाल लाई गई तो लोग अंतिम दर्शन के लिए उमड़ पड़े। 

Asianet News Hindi | Published : Dec 17, 2021 6:14 AM IST / Updated: Dec 17 2021, 12:56 PM IST

भोपाल। इंडियन एयरफोर्स (Indian Air Force) के ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह (Group Captain Varun Singh) को भोपाल (Bhopal) में सैन्य सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी गई। वरुण की शहादत को हर कोई नमन कर रहा है। इससे पहले गुरुवार को बेंगलुरु (Bangalore) से वरुण की पार्थिव देह भोपाल लाई गई तो लोग अंतिम दर्शन के लिए उमड़ पड़े। वरुण के पिता जिस कॉलोनी में 20 साल से रह रहे हैं, वहां हर किसी की आंखें नम थीं और हर कोई दुख जता रहा था। जब पार्थिव देह घर आई तो वरुण की बहन दिव्या ने आरती उतारी और भाई की शहादत को सैल्यूट दिया। वे आरती की थाली लिए डेढ़ घंटे से खड़ी थीं। अपार्टमेंट में पार्थिव शरीर ले जाने से पहले बहन दिव्या और पत्नी गीतांजलि ने ताबूत को तिलक किया। ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह की मां उमा सिंह ने वरुण के माथे पर हाथ फेरा और कहा- उन्हें अपने बेटे की शहादत पर गर्व है।

वरुण की मां का कहना था कि ‘मैंने अपने बेटे को आजाद कर दिया है। हमने अपने परिवार के साथ वरुण का हाथ पकड़कर उसे आजाद किया। उससे कहा कि वह अपने आपको हम में लिप्त मत रखना। तुम एयरफोर्स के लिए फ्लाइंग के लिए जिये हो। तुम्हारा पैशंस और तुम्हारा प्यार है। वरुण के अंदर एक क्वालिटी थी- वह प्रोत्साहित करता था। वह 23 दिसंबर को घर आने वाला था।’ मां उमा कहती हैं कि ‘मैं भी एक मां हूं। मैं भी अपने बच्चे को बचाना चाहती थी। मुझे ये दुख है कि ईश्वर ने वरुण को 8 दिन इतना कष्ट क्यों दिया? हादसे वाले दिन चला जाता तो ठीक रहता। कोई बात नहीं थी, उसे सिर्फ डीएनए टेस्ट देना होता। कोई जरूरी था कि वह बोल कर अपना नाम पता और नंबर बताएं। एक मां की तरह बहुत दर्द होता है वह तकलीफ होती है। जाना तो सबको है।’ 

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मैंने ईश्वर से पूछा- ऐसा क्यों कियाय़
वे कहती हैं कि ‘मैंने ईश्वर से पूछा- ऐसा क्यों किया? मैंने अस्पताल में उसे कहा भी था कि तू चला जा बेटा... हम तुझे आजाद करते हैं। बेटा गौरवपूर्ण गया है। इतनी इज्जत, प्यार और सम्मान मिला है, यही मेरी ताकत है। अपनी किस्मत से आया, अपनी किस्मत से जिया, अपनी किस्मत से लड़ा और अपनी किस्मत से चला गया।’वरुण सिंह के पिता केपी सिंह और मां भोपाल स्थित सनसिटी के जिस घर में रहते हैं, उनके अनिल नाम के पड़ोसी ने सोशल मीडिया पर मां के इस वीडियो को सोशल मीडिया पर पोस्ट किया है।

वरुण मेरी बात सुन रहा है और मुस्कुरा रहा है
मां ने कहा कि ‘वरुण मेरी बात सुन रहा है और मुस्कुरा रहा है। वरुण मेरा यह कहना है कि खुश रहो, जितने भी तुम्हारे पैशन्स हैं उन्हें दूसरे के थ्रू पूरा करो। उसने बहुत से लोगों को ट्रेंड किया है। वह उसे पूरा करेंगे।’ उन्होंने यह भी कहा कि ‘उसकी ट्रेनिंग ने उसे बचाया है। उसके सिर में एक चोट भी नहीं आई। उसके शरीर की एक हड्डी भी नहीं टूटी। वह जलने की वजह से गया। ईश्वर से कहती हूं कि यदि वह गलती करता है तो उसके कान पकड़े और खींचे।’

पत्नी बोलीं- आई एम सॉरी वरुण... मेरी कोई बात गलत लगी हो
वरुण की पत्नी गीतांजलि पार्थिव शरीर के पास पहुंची तो भावुक हो गईं, लेकिन आंखों में आंसू नहीं आने दिए। बोलीं- वरुण... आई एम सॉरी, मेरी कोई बात गलत लगी हो तो मुझे माफ कर देना। उमा सिंह ने बहू गीतांजलि के कंधे पर हाथ थपथपाते हुए कहा कि ये मेरी बहादुर बेटी है...वीरांगना है। पिता केपी सिंह ने ताबूत खोलकर आखिरी बार  परिवार को वरुण का चेहरा दिखाया। मां ने अगरबत्ती लगाई और बेटे की एयरफोर्स की कैप को बांहों में भर लिया।

 

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