मध्य प्रदेश के 10 हजार से ज्यादा स्कूलों ने फैसला लिया है। वह कोरोना में अनाथ हुए बच्चों से 2 दो साल तक आधी फीस ही लेंगे। एसोसिएशन के तहत प्रदेश में सीबीएसई और आईसीएसई बोर्ड 10 हजार से ज्यादा स्कूल हैं।
भोपाल (मध्यप्रदेश). कोरोना महामारी कू दूसरी लहर ने ऐसा प्रकोप मचाया है कि पूरे देश में हजारों बच्चे अनाथ हो गए। कई मासूमों को माता-पिता दोनों की मौत हो गई। इन्हीं बच्चों के फ्यूचर को देखते हुए मध्य प्रदेश के 10 हजार से ज्यादा स्कूलों ने फैसला लिया है। वह माता-पिता या दोनों में से एक को खोने वाले बच्चों से दो साल तक आधी फीस ही लेंगे।
सीबीएसई और आईसीएसई में होगी फीस माफ
दरअसल, एसोसिएशन ऑफ अन-ऐड प्राइवेट स्कूल मध्यप्रदेश ने अनाथ हुए बच्चों के लिए यह फैसला लिया है। प्रदेश के सचिव बाबू थॉमस ने बताया कि एसोसिएशन के तहत प्रदेश में सीबीएसई और आईसीएसई बोर्ड 10 हजार से ज्यादा स्कूल हैं। इन स्कूलों में हम उन बच्चो से दो साल तक आधी फीस लेगें जो अपने माता-पिता को खो चुके हैं।
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आधी फीस ऐसे की जाएगी माफ
एसोसिएशन ने कहा कि कोरोना के कारण अगर बच्चों के माता-पिता में से किसी एक भी जान गई है तो हमारे स्कूल ऐसे बच्चों से पूरी फीस नहीं लेंगे। इसके लिए बच्चे को एसोसिएशन से जुड़े स्कूल में एक आवेदन देना होगा। जिसमें यह वजह बतानी होगी और स्कूल प्रशासन इसकी जांच करने के बाद इन बच्चों की फीस माफ कर देगा।
एसोसिएशन ने सीएम शिवराज से की एक अपील
वही सचिव थॉमस ने बताया कि हमने प्रदेश के सीएम शिवराज सिंह से अपील की है कि जो बची हुई आधी फीस वह सरकार के जरिए भरी जाए। ताकि इसका बोझ बच्चों पर ना पड़े। इसके अलावा वह अपनी पढ़ाई आसानी से जारी रख सकें। बता दें कि पहले से ही मध्यप्रदेश सरकार कोरोना से अनाथ हुए बच्चों का पूरा खर्ज उठा रही है।