कमलनाथ के सांसद बेटे का गजब ज्ञान: जिस कृषि कानून की कमियां बतानी थीं, वो भूल गए, रोजगार के बारे में ये बोल गए

मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में आज तीन विधानसभा (Assembly) और एक लोकसभा सीट (Loksabha) पर उपचुनाव (By-Election) की वोटिंग है। इस बीच, कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ (Kamalnath) के बेटे नकुलनाथ (Nakulnath) का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। ये वीडियो छिंदवाड़ा (Chindwara) का है। नकुलनाथ इसी इलाके से कांग्रेस के सांसद (Congress MP) हैं। वीडियो में नकुलनाथ को तीन कृषि कानून की खामियां गिनानी थीं, मगर वे बताते वक्त भूल गए तो विषय बदलकर सरकार की घेराबंदी करने में जुट गए।

Asianet News Hindi | Published : Oct 30, 2021 2:53 AM IST

छिंदवाड़ा। पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ (Kamalnath) के सांसद बेटे नकुलनाथ (Nakulnath) की सोशल मीडिया पर एक वीडियो को लेकर जमकर किरकिरी हो रही है। वे किसानों की एक सभा में कृषि कानून (Agricultural law) की कमियों को ही भूल गए। सांसद ने सभा में पहले तीन कृषि कानून का जिक्र किया। फिर इसकी कमियां बताने लगे। उन्होंने दो कानूनों के बारे में बताया, लेकिन तीसरे बताने की बारी तो गच्चा खा गए। ऐसे में उन्होंने बात को संभाला और दूसरे मसले पर संबोधित करने लगे। इसके अलावा, नकुलनाथ जिस लोकसभा क्षेत्र से चुनकर आए, उसकी जनसंख्या तक भूल गए।

दरअसल, शुक्रवार को सांसद नकुलनाथ की अगुआई में कांग्रेस कार्यकर्ता बस स्टैंड मानसरोवर कॉम्प्लेक्स के सामने धरना देकर महंगाई और किसानों के मुद्दे पर केंद्र और राज्‍य सरकार को घेर रहे थे। यहां सांसद नकुलनाथ ने मंच से भाषण देना शुरू किया। उन्होंने केंद्र और राज्य सरकार की नाकामियों को गिनाया। सांसद ने मंच से ही लोगों से पूछा कि क्या भाजपा सरकार में छिंदवाड़ा में दो करोड़ लोगों को रोजगार मिला? ऐसे में लोगों ने जवाब दिया- नहीं? बता दें कि साल 2011 की जनगणना के मुताबिक, छिंदवाड़ा जिले की करीब 20.9 लाख जनसंख्या है। ये वीडियो सामने आया तो लोग सोशल मीडिया पर शेयर कर रहे हैं। 

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फिर कृषि कानून के बारे में भूल गए सांसद
सांसद नकुलनाथ ने भाषण के दौरान किसानों के मसलों को गिनाया और तीन कृषि कानून के बारे में बताना शुरू कर दिया। वे कृषि कानून को सरल शब्दों में गिनाने लगे। उन्होंने पहले कानून को उद्योगपति की मंडी बनाने वाला बताया तो दूसरे को कॉन्टेक्ट फॉर्मिंग बताते हुए खेती को उद्योगपतियों के हाथ में देने की साजिश करार दिया। इसके बाद जब तीसरे कानून की बारी आई, तो वे भूल गए।

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कागज देखते रहे सांसद, नहीं मिला
इसके बाद सांसद सीधे हरियाणा और पंजाब के किसानों के आंदोलन पर बोलने लगे। इसका वीडियो भी सामने आया है। उसमें साफ दिख रहा है कि नकुलनाथ अपने हाथ में रखे कागज को उलट रहे थे। लोगों का कहना है कि सांसदजी उस कागज को देखकर तीसरे कानून के बारे में बताने वाले थे, लेकिन वह उनके हाथ से मिस हो गया और वे कृषि कानून के तीसरे कानून पर कुछ नहीं बता पाए। फिलहाल, इन दोनों मसलों को लेकर अब भाजपाई भी सांसद की घेराबंदी कर रहे हैं और मीम बनाकर शेयर कर रहे हैं।

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