कोरोना संक्रमण से बचने सतर्कता बेहद जरूरी है। जरा-सी लापरवाही जिंदगी पर भारी पड़ सकती है। क्योंकि इस संक्रमण का पता नहीं चलता। ऐसा ही कुछ इस युवक के साथ हुआ। कोरोना से उबरने के बावजूद इस युवक की मौत हो गई। डॉक्टर इसे कोरोना का साइड इफेक्ट बता रहे हैं। युवक के फेफड़े पूरी तरह डैमेज हो गए थे।
(तस्वीर में अपने पिता अखिलेश के साथ अमृतेश)
इंदौर, मध्य प्रदेश. कोरोना संक्रमण को हल्के में कतई नहीं लें। आपकी लापरवाही जिंदगी पर भारी पड़ सकती है। इसलिए संक्रमण से बचने के लिए कोरोना गाइड लाइन का पालन करें। जरा-सी लापरवाही जिंदगी पर भारी पड़ सकती है। क्योंकि इस संक्रमण का पता नहीं चलता। ऐसा ही कुछ इस युवक के साथ हुआ। कोरोना से उबरने के बावजूद इस युवक की मौत हो गई। डॉक्टर इसे कोरोना का साइड इफेक्ट बता रहे हैं। युवक के फेफड़े पूरी तरह डैमेज हो गए थे। यह हैं अमृतेश, जिनकी 30 नवंबर को कोरोना के साइड इफेक्ट से मौत हो गई। इनके पिता अखिलेश झा पुलिस विभाग में डीआईजी के पद से रिटायर्ड हुए हैं।
जानिए कहानी...
अखिलेश झा बताते हैं कि उनके बेटे अमृतेश की हाल में मैक्स हास्पिटल दिल्ली की एचआर हेड शालिनी से शादी हुई थी। सबकुछ बढ़िया चल रहा था। इसी बीच 18 नंवबर को मालूम चला कि अमृतेश कोरोना संक्रमित हैं। उन्हें सीएचएल ले जाया गया। लेकिन वहां सारे बेड फुल थे। इसलिए उसे मेदांता में भर्ती कराना पड़ा। अगले दिन फिर सीएचएल ले गए। यहां कोरोना रिपोर्ट निगेटिव आई। लिहाजा 27 नवंबर को उसे डिस्चार्ज कर दिया गया।
डिस्चार्ज के बाद जब अमृतेश घर पहुंचा, तो उसे कमजोरी महसूस हो रही थी। इसलिए मेदांता अस्पताल-गुड़गांव के डॉ. सूद से अपाइंटमेंट लिया गया। 27 नवंबर की शाम को ही अमृतेश दिल्ली पहुंचा। साधन नहीं मिलने पर वो पैदल ही डॉक्टर के पास पहुंचा। 28 नवंबर तक अमृतेश ठीक था, लेकिन अगले दिन अचानक उसकी तबीयत बिगड़ गई।
डॉक्टरों ने कहा
डॉक्टरों ने जब अमृतेश का चेकअप किया, तो पाया कि कोरोना के कारण उसके फेफड़े पूरी तरह डैमेज हो चुके थे। बीपी 54 पर आ गया था। हार्ट बीट भी 126-160 तक पहुंच गई थी। उसकी बिगड़ती हालत को देखते हुए वेंटिलेटर पर रखा गया। लेकिन 30 नवंबर की सुबह उसने दम तोड़ दिया।
अखिलेश झा ने बताया कि अमृतेश ने जर्मनी से एमबीए किया था। वो कांग्रेस पार्टी का प्रवक्ता था। वहीं, बैंक इन्वेस्टर भी। कोरोना काल में उसने शेयर से 20 लाख कमाए थे।
उधर, सीएचएल में अमृतेश का इलाज करने वाले डॉ. निखिलेश जैन ने बताया कि जब उसे डिस्चार्ज किया गया, तब उसकी तबीयत ठीक थी। एंटीबॉडी रिपोर्ट भी पॉजिटिव थी। अचानक उसकी तबीयत कैसे बिगड़ी, यह बता पाना मुश्किल है। लेकिन डॉ. निखिलेश दिल्ली के डॉक्टरों द्वारा मौत का कारण कोरोना का साइड इफेक्ट बताने पर हैरानी जता रहे हैं।
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