60 साल का हेड कांस्टेबल 16 दिन पैदल चलकर ड्यूटी पर पहुंचा, सिर्फ 2 बार खाया खाना..यूं मिटाई अपनी भूख

कोरोना के खिलाफ जंग लड़ रहा पुलिसकर्मी किसी योद्धा से कम नहीं, अपना फर्ज निभाने हर घड़ी तैयार रहते हैं खाकी वर्दी वाले यह कर्मवीर। ऐसी ही मिसाल पेश ही मध्य प्रदेश के एक 60 वर्षीय हेड कांस्टेबल ने, जो 16 दिन पैदल चलकर ड्यूटी ज्वॉइन करने के लिए पहुंचे हैं।

Asianet News Hindi | Published : Apr 18, 2020 3:12 PM IST / Updated: Apr 18 2020, 09:01 PM IST

उज्जैन (मध्य प्रदेश). कोरोना के खिलाफ जंग लड़ रहे पुलिसकर्मी किसी योद्धा से कम नहीं हैं। अपना फर्ज निभाने के लिए हर घड़ी तैयार रहते हैं खाकी वर्दी वाले यह कर्मवीर। ऐसी ही मिसाल पेश ही मध्य प्रदेश के एक 60 वर्षीय हेड कांस्टेबल ने, जो 16 दिन पैदल चलकर ड्यूटी ज्वाइन करने के लिए पहुंचे हैं।

 600 किमी पैदल चलकर ज्वाइन की ड्यूटी
दरअसल, हम जिस कर्मवीर योद्धा की बात कर रहे हैं, वह हैं प्रधान आरक्षक रमेश सिंह तोमर। जो 16 दिन में 600 किमी पैदल चलकर ग्वालियर से उज्जैन ड्यूटी ज्वाइन करने शुक्रवार को पहुंचे हैं। हेड कांस्टेबल के जज्बे को देखकर अधिकारियों ने उनको सैल्यूट किया और ताली बजाने के साथ माला पहनाकर उनका स्वागत किया।

16 दिन में सिर्फ दो बार ही खाया खाना 
बता दें कि आरक्षक रमेश सिंह तोमर ने इन 16 दिन में सिर्फ दो बार ही खाना खाया है। जबकि बाकी के टाइम उन्होंने बिस्किट, नमकीन और फल खाकर हिम्मत जुटाई है। उन्होंने करीब 30 किलोमीटर प्रति दिन पैदल चलकर सफर किया है।

इस काम से गए थे ग्वालियर गए थे हेड कांस्टेबल
जानकारी के मुताबिक, उज्जैन थाना नीलगंगा में पदस्थ रमेश तोमर 21 मार्च को विसरा रिपोर्ट के सिलसिले में ग्वालियर गए थे। वह कुछ दिन अपनी बेटी के यहां रुक गए। इस बीच देशभर में कोरोना वायरस के चलते लॉकडाउन हो गया। जिसके बाद रमेश तोमर को उज्जैन आने के लिए कोई साधन नहीं मिला तो वह वहां से पैदल ही चल पड़े।

पत्नी को साथ आने के लिए कर दिया मना
कांस्टेबल की पत्नी मुरैना में रहती हैं। उन्होंने अपनी पत्नी से जब उज्जैन जाने के बारे में चर्चा की तो वह भी साथ चलने के लिए कहने लगी। लेकिन,  रमेश तोमर ने पैदल साथ चलने के लिए मना कर दिया और अकेले ही सफर तय किया।

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