पैरोल पर छूटे एक कैदी ने खुद को मरा हुआ बताने एक अनजान व्यक्ति को पेट्रोल डालकर जिंदा जला दिया। मर्डर की सजा भुगत रहे आरोपी ने रची थी सुसाइड की झूठी कहानी। मर्डर के बाद आरोपी बेंगलुरू चला गया था। आरोपी अपने एक साथी की मदद से मृतक को घर ले गया था।
भोपाल. पैरोल पर छूटे एक कैदी ने खुद को मरा हुआ बताने एक व्यक्ति को पेट्रोल डालकर जिंदा जला दिया। हालांकि पोस्टमार्टम रिपोर्ट में सच सामने आ गया। मर्डर के बाद आरोपी बेंगलुरू चला गया था। पुलिस ने उसे अरेस्ट कर लिया है।
सेंट्रल जेल से पैरोल पर छूटे कैदी राजेश परमार की संदिग्ध मौत के मामले में बड़ा खुलासा हुआ है। राजेश ने खुद को आग लगाकर आत्मदाह नहीं किया था। बल्कि उसने अपने जैसे मिलते-जुलते एक शख्स को पहले गला दबाकर मारा और फिर पेट्रोल उड़ेलकर जला दिया था। रातीबड़ पुलिस ने बुरी तरह झुलसे शव का जब पोस्टमार्टम करवाया, तब साजिश सामने आई। सात दिन चली जांच के बाद पुलिस ने राजेश को बेंगलुरू और उसकी इस साजिश में सहयोग करने वाले साथी को गुजरात से गिरफ्तार कर लिया है।
नीलबड़ के हरिनगर निवासी राजेश परमार को 2016 में एक मर्डर केस में उम्रकैद हुई थी। उसने 2014 में शिवाजी नगर में अंकित जवारे का मर्डर किया था। राजेश भोपाल सेंट्रल जेल में सजा काट रहा था। वह 14 दिन की पैरोल पर बाहर था। 30 जून को जेल वापस जाना था। लेकिन वह जेल लौटना नहीं चाहता था। उसने 28 जून को अपनी खुदकुशी की झूठी कहानी प्लान की। राजेश ने अच्छे दोस्त निहाल खान (20) की मदद ली। मूलत: बिहार के चंपारण का रहने वाला निहाल यहां निजामुद्दीन कॉलोनी में रहकर अटेर से इंजीनियरिंग कर रहा है। राजेश ने निहाल को एक लाख रुपए का लालच दिया।
निहाल प्रभात चौराहे की कलारी से राजू रैकवार को दोस्ती करके क्रेशर पर नौकरी दिलाने के बहाने अपने साथ घर ले गए। उस वक्त राजेश की मां बहन के घर गई हुई थी। आरोपियों ने राजू को मारकर जिंदा जला दिया। इसके साथ ही पहले से ही लिखा सुसाइड नोट छोड़ दिया, ताकि यह लगे कि राजेश ने सुसाइड कर ली। एएसपी अखिल पटेल का कहना है कि आरोपियों ने जिस राजेश रैकवार उर्फ राजू को मारा है, वह गोविंदपुरा क्षेत्र का रहने वाला था। वह पेशे से मजदूर था। गोविंदपुरा थाने में उसकी 28 जून की रात गुमशुदगी भी दर्ज है।