मध्य प्रदेश में रिश्वत का एक बड़ा मामला सामने आया है। लोकायुक्त टीम ने मप्र पूर्व विद्युत वितरण कंपनी के एक इंजीनियर को 15 लाख रुपए की रिश्वत के संग रंगे हाथ पकड़ा गया है।
शहडोल, मध्य प्रदेश. यहां विद्युत वितरण कंपनी में पदस्थ एक जूनियर इंजीनियर(जेई) को 15 लाख रुपए की रिश्वत के साथ रंगे हाथ पकड़ा गया है। यह कार्रवाई रीवा लोकायुक्त ने की। जेई ने एक ठेकेदार के 37 करोड़ रुपए के बिल पास करने के एवज में 1.80 करोड़ रुपए की रिश्वत मांगी थी। ठेकेदार ने रिश्वतखोर जेई को सबक सिखाने उसकी शिकायत लोकायुक्त में की थी। लोकायुक्त ने बुधवार को जाल बिछाया और रिश्वत की पहली किश्त के रूप में 15 लाख रुपए लेते ही जेई को धर दबोचा।
जानकारी के मुताबिक, जेई राजेश तिवारी शहडोल संभाग में पोस्टेड हैं। उन्होंने ठेकेदार भानुप्रकाश से रिश्वत मांगी थी। ठेकेदार ने इसकी शिकायत लोकायुक्त में की थी। इसमें कहा गया कि उन्हें जनवरी 2019 से जून 2019 तक ट्रांसफॉर्मर लगवाने ओर बिजली लाइनों के विस्तार का ठेका मिला था। उन्होंने करीब 37 करोड़ रुपए का काम किया। इसमें से कुछ का भुगतान कर दिया गया, लेकिन बाकी का लटका कर रखा गया।
ठेकेदार का आरोप है कि जेई ने 6 प्रतिशत कमीशन मांगा था। यानी यह बकाया रकम पर करीब 1.80 करोड़ रुपए बनता था। बताते हैं कि जेई पहली किश्त के रूप में 15 लाख रुपए ले रहा था। लोकायुक्त ने जेई के पास से 5 लाख रुपए के चैक भी जब्त किए हैं। लोकायुक्त टीम की कार्रवाई के दौरान जेई सिर पकड़कर बैठे रहे।