मप्र के रीवा से आई बेबसी की तस्वीर: मां की लाश खाट पर लादकर लाईं 4 बेटियां, धूप में 5 KM चलीं, मानवता शर्मसार

मध्य प्रदेश के रीवा से दिल को झकझोर देने वाला मामला सामने आया है। जो शिवराज सरकार ते तमाम दावों की पोल खोल रही है। क्योंकि यहां बेबस चार बेटियां अपनी मां का शव खाट पर लादकर 5 किमी पैदल चल घर लाईं। उन्हों ना तो एंबुलेंस मिली और न शव वाहन मिला। 

Asianet News Hindi | Published : Mar 30, 2022 8:58 AM IST / Updated: Mar 30 2022, 02:30 PM IST

रीवा (मध्य प्रदेश). किसी संतान के लिए सबसे अभागा और दुखद वो पल होता है जब उसके माता-पिता की मौत हो जाए और शव ले जाने के लिए कोई एंबुलेंस ना मिले। मध्य प्रदेश के रीवा से सरकार के तमाम दावों की पोल खोलने वाली एक ऐसी तस्वीर सामने आई है। जो बेबसी और लाचारी की कहानी बयां कर रही हैं। जहां 80 वर्षीय बुजुर्ग महिला की मौत के बाद उसके शव को अस्पताल से घर लाने के लिए कोई सरकारी वाहन तक नहीं मिला। ऐसे में मृतका की लाचार 4 बेटियां बिलखते हुए अपनी मां की लाश खाट पर लादककर लाईं। मजबरी ऐसी थी कि वह वह भीषण गर्मी की चिल्लाती धूप में दो घंटे तक 5 किलोमीटर तक पैदल चलते रहीं।

बेटियों की बेबसी मन विचलित करने वाली
दरअसल, यह शर्मनाक घटना रीवा जिले के महसुआ गांव की है। जहां की रहने वाली 80 वर्षीय बुजुर्ग महिला मोलिया केवट की तबीयत बिगड़ गई थी। काफी इंतजार करने के बाद जब एंबुलेंस नहीं आई तो महिला की चारों बेटियां अपनी मां का इलाज कराने के लिए उसे खाट समेत उठाकर रायपुर कर्चुलियान सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचीं। लेकिन कुछ देर बाद ही डॉक्टरों ने उनको मृत घोषित कर दिया। हद तो जब हो गई तब मृतका के शव घर लाने के लिए कोई सरकारी वाहन नहीं मिला। ऐसे में मजबूरन बेटियों ने मां का शव खाट पर डाला और पैदल ही घर के लिए निकल पड़ीं। 

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पुलिस सब देखती रही...लेकिन नहीं की मदद
हैरानी की बात तो यह है कि जिस वक्त बेटियां अपनी मां का शव खाट पर लादकर ला रही थीं तो रास्ते में रायपुर कर्चुलियान थाना पुलिस भी मिली। लेकिन किसी ने इन लाचार बेटियों की मदद नहीं की। बल्कि लोग सिर्फ इसका तमाशा देखते रहे। वहीं कुछ लोगों ने तो इस मार्मिक घटना का वीडियो तक बनाया और सोशल मीडिया पर शेयर कर दिया। जिससे सरकार के सारे झूठे दावों की पोल खुल गई।

पति की मौत के बाद बेटियां बनी आखिरी सहारा
बता दें कि मृतक महिला 5 बेटियां हैं। वहीं पति की पहले ही मौत हो चुकी है। बेटा नहीं होने होने पर उसकी बेटियां ही उसका आखिरी सहारा थीं। जैसे उसकी बेटियों को पता चला की मां बीमार हैं तो वह तुरंत अपने ससुराल से वहां पहुंची। इसके बाद मां का इलाज कराने के लिए उन्हें लेकर अस्पताल पहुंची। लेकिन उम्र और बीमारी बढ़ने की वजह से उन्होने दम तोड़ दिया।

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