मध्य प्रदेश के राजनीतिक और प्रशासनिक गलियारों में भूचाल लाने वाले हाईप्रोफाइल हनी ट्रैप मामले में नया विवाद सामने आया है। इसकी जांच के लिए SIT गठित की गई थी। लेकिन 20 घंटे बाद ही इसके चीफ को बदलना पड़ा है। जानिए ऐसा क्या हुआ?
भोपाल. मध्य प्रदेश के हाईप्रोफाइल हनी ट्रैप मामले में नया विवाद सामने आया है। इसकी जांच के लिए SIT गठित की गई थी। इसका चीफ डी श्रीनिवास वर्मा को बनाया गया था। लेकिन 20 घंटे बाद ही उन्हें बदलकर नया चीफ बना दिया गया है। अब इसकी जिम्मेदारी एडीजी इंटेलिजेंस संजीव शमी संभालेंगे। उनकी टीम में इंदौर की एसएसपी रुचिवर्द्धन मिश्रा भी रहेंगी।
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वर्मा ने खींचे हाथ..
सोमवार शाम डीजीपी ने SIT गठित करके इसका चीफ श्रीनिवास वर्मा को बनाया था। बताते हैं कि वर्मा ने खुद जांच करने से इनकार कर दिया था। इस टीम में एसपी, एएसपी, सीएसपी और इंस्पेक्टर स्तर के 12 अधिकारी शामिल हैं। उल्लेखनीय है कि 18 सितंबर को इंदौर नगर निगम के इंजीनियर हरभजन सिंह ने पुलिस में उन्हें ब्लैकमेल किए जाने की शिकायत दर्ज कराई थी। इसके बाद ATS ने इंदौर और भोपाल से इन महिलाओं को पकड़कर एक संगठित गैंग का पर्दाफाश किया था। माना जा रहा है कि इन महिलाओं के टार्गेट पर प्रदेश सरकार के कुछ मंत्री और विधायक भी थे। ये महिलाएं नेताओं-अफसरों और उद्योगपतियों को ही फासंती थीं। ये पूर्व राज्यपाल, पूर्व सीएम और पूर्व सांसद से लेकर कई मंत्रियों को ब्लैकमेल कर चुकी थीं। हालांकि जिस इंजीनियर ने इस गैंग की शिकायत की थी, वो पहले खुद इन महिलाओं की मदद करता रहा। कहा जा रहा है कि हरभजन ने गैंग की सरगना को कई सरकारी ठेके दिलाए।
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