
जबलपुर (मध्य प्रदेश). सांस्कृतिक राजधानी के नाम से कहे जाने वाले जबलपुर शहर से एक ऐसी तस्वीर सामने आई है, जिसने दिल को झकझोर कर रख दिया है। जिस किसी ने इस घटना को देखा वह यही कह गया कि है भगवान ये कोरोना और कैसे-कैसे दिन दिखाएगा, अब तो है ईश्वर रहने दो। घटना कुछ यूं है कि श्मशान घाट में जब प्लेटफार्म पर जगह नहीं मिली तो परिजनों ने युवक के शव को जमीन पर रख अंतिम संस्कार कर दिया।
जमीन पर चिता बनाकर कर दिया अंतिम संस्कार
दरअसल, यह मामला जबलपुर के रानीताल श्मशान का है। जहां एक परिवार मृतका का क्रिया कर्म करने के लिए उसके विश्राम घाट लेकर गया था। लेकिन वहां जाकर देखा तो श्मशान के सभी प्लेटफार्म पर अंतिम संस्कार किया जा रहा था। इतना ही नहीं कुछ लोग उनके पीछे अपना नंबर लेकर खड़े थे। ऐसे में परिजनों ने शव को जमीन पर चिता बनाकर अंतिम संस्कार कर दिया।
श्मशान में बने प्लेटफार्म से चार गुना आ रहे शव
जब यह मामला मीडिया तक पहंचा तो जिला प्रशासन और विश्राम घाट के कर्मचारियों ने कहा कि यहां जितने भी श्मशान घाट पर प्लेटफार्म बने हुए हैं उनसे तीन से चार गुनार शव रोज आ रहे हैं। कोरोना के कहर के चलते मौतों का यह आंकड़ा बढ़ रहा है।
कोरोना के खतरे को देख हाईकोर्ट 4 दिन के लिए बंद
जबलपुर मध्य प्रदेश की उन चार शहरों में शामिल है, जिसमें कोरोना संक्रमित के मामले तेजी से सबसे ज्यादा आ रहे हैं। महामारी के प्रकोप को बढ़ते देख हाईकोर्ट की मुख्यपीठ जबलपुर को 16 से 20 सितंबर तक बंद कर दिया गया है।
एक दिन पहले यहां भी दिखी शर्मनाक तस्वीर
बता दें कि कोराना कॉल में ऐसी एक इंसानियत को शर्मसार कर देने वाली तस्वरी इंदौर शहर के एमवाय अस्पताल सामने आई थी। जहां स्ट्रेचर पर पड़ा-पड़ा एक कंकाल बन गया और आखं- नाक बंद कर हर कोई इसे नजरअंदाज करता चला गया। भयानक बदबू भी आती रही, लेकिन अस्पताल प्रबंधन ने ना तो उसकी पहचान की और ना ही उसका अंतिम संस्कार कराया।
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