25 साल का अश्विनी ब्रम्हे अपने 4 दोस्तों के साथ बालाघाट के जंगल में कार से बाघ देखने के लिए गए थे। पांचों घूमने के बाद टेकाड़ी तालाब पर पहुंचे। जहां तालाब में मछुआरों की नाव बंधी हुई थी, जिसे खोलकर वह मस्ती में खुद ही बोटिंग करने लगे। नाव कुछ दूर जाते ही गहरे पानी में असंतुलित होकर पटल गई।
बालाघाट (मध्य प्रदेश). अक्सर सुना है कि बिजली, पानी और आग (fire, water and electricity) इनसे बचकर रहना चाहिए। क्योंकि यहां जरा सी गलती से आपकी जान तक जा सकती है। कुछ ऐसी ही घटना मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के बालाघाट (Balaghat) जिले से सामने आई है, जहां बचपन के तीन दोस्तों की एक तालाब में डूबन से मौत हो गई। वहीं दो ने भागते हुए अपनी जान बचाई। हादसे में जिंदा बचे दो दोस्तों का रो-रोकर बुरा हाल है।
देखते ही देखते पानी में समा गई नाव
दरअसल, गुरुवार को 25 साल का अश्विनी ब्रम्हे अपने 4 दोस्तों के साथ बालाघाट के सोनेवानी टेकाड़ी के जंगल में कार से बाघ देखने के लिए गए थे। पांचों घूमने के बाद टेकाड़ी तालाब पर पहुंचे। जहां तालाब में मछुआरों की नाव बंधी हुई थी, जिसे खोलकर वह मस्ती में खुद ही बोटिंग करने लगे। नाव कुछ दूर जाते ही गहरे पानी में असंतुलित होकर पटल गई। जिसमें दो ने तो छलांग लगाकर अपनी जान बचा ली। लेकिन तीन दोस्त पानी में डूब गए।
जरा सी मस्ती ने मौत तक पहुंचा दिया
घटना की जानकारी लगते ही मछुआरे और ग्रामीण पहुंचे और लेकिन तब तक तालाब में डूबे तीन युवाओं की सांसे थम चुकी थी। किसी तरह लोगों के शवों को पानी से बाहर निकाला। इसके बाद पुलिस को सूचना देकर बुलाया गया। मामले की जानकारी देते हुए लालबर्रा थाना प्रभारी सुरेन्द्र गडरिया ने बताया तीनों की जान लापरवाही के चलते गई है। मृतकों की पहचान अश्विनी ब्रम्हे लालबर्रा, दीपांकर बिसेन बघोली, पंकज पटले टेमनीकला के रुप में हुई। वहीं जिन्होंने कूदकर अपनी जान बचाई उनके नाम कमलेश और योगेश हैं। तीनों के घरवालों को सूचना देकर बुलाया गया है। वहीं शव पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिये हैं।
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