मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (CM Shivraj Singh Chouhan) बुधवार शाम को तीन दिन बाद यूपी दौरे (UP Visit) से लौट आए हैं। वे दो दिन बनारस (Kashi) में रहे और तीसरे दिन उन्होंने 11 राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ अयोध्या (Ayodhya) में रामलला (Ram Lalla) के दर्शन किए। साथ ही मंदिर निर्माण की तैयारियों के बारे में जाना।
भोपाल। मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (CM Shivraj Singh Chouhan) बुधवार शाम को तीन दिन बाद यूपी दौरे (UP Visit) से लौट आए हैं। वे दो दिन बनारस (Kashi) में रहे और तीसरे दिन उन्होंने 11 राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ अयोध्या (Ayodhya) में रामलला (Ram Lalla) के दर्शन किए। साथ ही मंदिर निर्माण की तैयारियों के बारे में जाना। इससे पहले मंगलवार को उन्होंने बनारस में मुख्यमंत्रियों की कॉन्क्लेव (Chief Ministers Conclave) में हिस्सा लिया। बुधवार शाम सीएम शिवराज जैसे ही भोपाल (Bhopal) पहुंचे, उन्होंने मंत्रालय में तुरंत मंत्रियों, मुख्य सचिव, अतिरिक्त मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव, सचिव, डीजीपी और विभागाध्यक्षों की बड़ी बैठक की।
मुख्यमंत्री शिवराज ने इस बैठक में निर्देश दिए कि जल्द से जल्द सभी शहरों के मास्टर प्लान तैयार किए जाएं। इसके साथ ही प्रदेश में ट्रेड प्रमोशन काउंसिल बनाई जाएगी। इसका फोकस ईज ऑफ डूइंग बिजनेस और ईज ऑफ लिविंग होगा। इस बैठक में कोरोना की संभावित तीसरी लहर से निपटने की तैयारियों की समीक्षा भी की गई। शिवराज ने कहा कि मध्य प्रदेश को तेजी से आगे ले जाना है। केंद्र सरकार की हर योजना में प्रदेश को नंबर-1 रखने की कोशिश करनी है। राजस्व बढ़ाना है। मुख्यमंत्री ने कहा कि टीम मध्य प्रदेश जनता के लिए दिन-रात कार्य करने में जुटे। सभी जरूरी कार्य करते हुए कोविड-19 को कंट्रोल करना हमारी प्राथमिकता है। ऐसा कोई व्यक्ति न रहे, जिसने टीका ना लगवाया हो। सेकंड डोज का टारगेट समय पर पूरा करना है।
समय पर पैसा खर्च नहीं कर पाए तो दूसरे विभाग को दे दिया जाएगा
सीएम की बैठक में लिए गए फैसलों की जानकारी प्रदेश के गृह मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा ने पत्रकारों को दी। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री ने कहा है कि विभाग अपने बजट का उपयोग समय पर करें। जो विभाग पैसा खर्च नहीं कर पाएंगे, उनके बजट का पैसा दूसरे विभागों को दे दिया जाएगा। केंद्र सरकार से संबंधित योजनाओं के क्रियान्वयन के लिए जरूरी राशि की मांग करें। संबंधित विभाग के केंद्रीय मंत्री से संपर्क बनाए रखें। उनसे योजनाओं की धनराशि आवंटित करवाने का प्रयास करें। केंद्र सरकार की जैसे ही कोई नई योजना लॉन्च हो तो उस पर तत्काल हमारा ध्यान जाए। राजस्व संग्रहण के लिए अतिरिक्त कोशिश करें। प्रदेश के विकास का आधार राजस्व ही है। रेवेन्यू संग्रहण की बैठक हर हफ्ते हो। राजस्व बढ़ाने के लिए विशेषज्ञों के जरिए कोशिश करें।
इन कामों पर भी फोकस रखने के निर्देश
शहरों के बनाए जाएंगे मास्टर प्लान: मुख्यमंत्री ने कहा है कि हर जिले का ग्रामीण और शहरी मास्टर प्लान एक माह में तैयार करें। उन्होंने कहा कि शहरों का जन्मदिन भी मनाएं। इस आयोजन से उस शहर के देश-विदेश में रहने वाले लोगों को भी जोड़ें। शहरों की मुख्य सड़कों के साथ ही गलियों की सड़कें भी अच्छी होना चाहिए। अब भवनों और सड़कों का अंग्रेजी नामकरण नहीं करें। प्रभारी मंत्री अपने प्रभार के जिलों और संबंधित अधिकारी मास्टर प्लान तैयार करें। एक ही डेशबोर्ड पर सीएम की सभी योजनाओं की जानकारी प्राप्त हो सके, इसके लिए कार्य करें। इसमें मध्य प्रदेश और भारत सरकार की सभी फ्लेगशिप स्कीम हों।
नई शिक्षा नीति: नई शिक्षा नीति को तेजी से लागू करने के निर्देश दिए। नई नीति के तहत पाठ्यक्रमों में संस्कार, देशभक्ति, नैतिक मूल्य को जोड़ें। एक-एक मेडिकल, इंजीनियरिंग कॉलेज और कृषि कॉलेज में हिंदी में पढ़ाई होना सुनिश्चित करें। आगामी महाशिवरात्रि और नर्मदा जयंती पर भव्य सांस्कृतिक आयोजन और विकास उत्सव का आयोजन किया जाए।
इंफ्रास्ट्रक्चर के कामों में देरी ना हो: विकास के लिए रोडमेप बनाकर टारगेट तय करें और समय-सीमा में पूरा करें। राजस्व बढ़े, काम की गुणवत्ता ठीक हो। इन्फ्रास्ट्रक्चर के कामों में देरी ना हो। गुणवत्तापूर्ण काम समय पर पूरा नहीं होने पर पेनल्टी लगाकर कार्रवाई की जाए। व्यापार, निवेश और रोजगार बढ़ाने के लिए प्रयास किए जाएं। स्वरोजगार के अवसर उपलब्ध कराएं।
एक जिला, एक उत्पाद पर काम करें: जेम पोर्टल का इस्तेमाल ज्यादा से ज्यादा किया जाए। विदेशी मुद्रा लाने के लिए निर्यात पर पर ध्यान दें। ‘एक जिला-एक उत्पाद’ को लेकर काम करें। कच्चा माल, कृषि उत्पाद निर्यात किए जा सकते हैं। स्टार्टअप के क्षेत्र में ध्यान दें। आत्म-निर्भर भारत निर्माण योजना और रोजगार योजना पर ध्यान देकर कार्य करें।
सैनिक स्कूल खोलने पर काम करें: प्रदेश में एक नई टाउनशिप बसाने के लिए काम करें। कृषि विश्वविद्यालय प्राकृतिक खेती का विषय जरूर पढ़ाएं। मुख्यमंत्री और विधायक कप शुरू कराएं। प्रदेश में सैनिक स्कूल और पुलिस स्कूल खोलने का कार्य करें। इस प्रोजेक्ट के लिए केंद्र सरकार बजट उपलब्ध करा रही है। मध्य प्रदेश के युवा ज्यादा से ज्यादा पुलिस और फौज में भर्ती हों, इसके ट्रेनिंग की व्यवस्था भी सुनिश्चित की जाए। क्षिप्रा नदी को शुद्ध करने का कार्य समय-सीमा में किया जाए। NVDA, WRD और नगरीय विकास के प्रमुख सचिव खुद जाकर मौका मुआयना करें और एक सप्ताह में रिपोर्ट दें। बता दें कि उज्जैन में साधु-संतों ने क्षिप्रा नदी का पानी गंदा होने को लेकर धरना दिया था।
मोटा अनाज के उत्पादन पर ध्यान दें: कृषि के विविधीकरण का मुद्दा ज्यादा महत्वपूर्ण है। विभिन्न फसलों की खेती के विकल्प लिए तेजी से प्रयास किए जाएं। प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए गंभीरता से कार्य करें। मोटा अनाज, कोदो-कुटकी, ज्वार-बाजरा की फसलों के उत्पादन पर ध्यान दें।
हर ब्लॉक को IAS गोद लें: हर ब्लॉक को एक IAS अफसर गोद लें और जहां भी पिछड़ापन है, उसे दूर करने के लिए भावनात्मक रूप से जुड़ें। ट्रेड प्रोमोशन काउंसिल का जल्द से जल्द गठन किया जाए। उन्होंने कहा कि जैसे ही केंद्रीय कैबिनेट की बैठक हो, वहां के निर्णय उसी दिन प्राप्त करें और राज्य कैबिनेट को अवगत कराएं। जो केंद्र के फैसले राज्य के लिए उपयोगी हैं, उनका लाभ जल्दी से जल्दी लें।
PM के सामने बनारस में दिया MP का प्रजेंटेशन
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मंगलवार को बनारस में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सामने मध्य प्रदेश के विकास का प्रजेंटेशन दिया था। शिवराज ने अपने प्रजेंटशन में MP में केंद्रीय योजनाओं के क्रियान्वयन की स्थिति बताई। मुख्य रूप से प्रधानमंत्री स्वनिधि, आयुष्मान भारत और पीएम आवास योजना की मौजूदा स्थिति की जानकारी दी। इसके अलावा राज्य सरकार द्वारा पिछले एक साल में बनाए गए कानूनों से भी अवगत कराया।
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