मध्य प्रदेश की सबसे यंग लेडी सरपंच से मिलिए, काम RJ और न्यूज एंकर...अब 21 साल की उम्र में बनी गांव की मुखिया

मध्य प्रदेश के उज्जैन जिले की एक ग्राम पंचायत में 21 साल की लड़की ने रिकॉर्ड वोटों से जीत दर्ज कर प्रदेश की सबसे यंग सरपंच बन गई है। इस जीत से उनके गांव ही नहीं पूरे जिले में जश्न मन रहा है। वह न्यूज एंकर और रेडियो जॉकी का काम करती है। लेकिन अब गांव की सरकार चलाएगी।

उज्जैन. मध्यप्रदेश में पंचायत चुनाव के पहले चरण का मतदान शनिवार शाम को खत्म हो चुका है। वोटिंग के कुछ देर बाद कई जिलों में रिजल्ट भी घोषित कर दिए गए हैं। किसी को जीत से खुशी तो किसी को हार से निराशा मिलीं। इसी बीच हम आपको एक ऐसी जीतते हुए केंडिडेट के बारे में बता रहे हैं जो मध्य प्रदेश की सबसे यंग लेडी सरपंच बनी हैं। जिन्होंने महज 21 वर्ष की उम्र में ही सरपंच बनकर इतिहास रच दिया है। इस जीत से उनके गांव ही नहीं पूरे जिले में जश्न मन रहा है। कोई उनको घर जाकर बधाई दे रहा है तो कई सोशल मीडिया के जरिए शुभकामनाएं दे रहे हैं।

 लक्षिका के सामने थीं 7 महिला उम्मीदवार...सबको साइड कर बनी बिनर
दरअसल, त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में सबसे कम उम्र की सरपंच का होने का तमगा लगाने वाली इस लड़की का नाम लक्षिका डागर है। जो उज्जैन जिले के तहसील की चिंतामन-जवासिया ग्राम पंचायत की नव निर्वाचित हुई है। अब वह गांव की मुखिया बनकर गांव की सरकार चलाएगी। लक्षिका की ग्राम पंचायत में कुल आबादी 3265 है। इस गांव से 8 महिला सरपंच के लिए उम्मीदवार थीं। लेकिन लक्षिका इनमें सबसे कम उम्र की प्रत्याशी थी। जिसने अब सबको मात देते हुए  487 मतों से यह चुनाव जीत लिया। जैसे ही गांव में रिजल्ट का पता चला तो लोग आधी रात तक इस खुशी का जश्न मनाते रहे।

Latest Videos

जन्मदिन से पहले लक्षिका को मिला सबसे बड़ा तोहफा
बता दें कि जिस दिन सरपंच का परिणाम आया उसके एक दिन बाद यानि 27 जून को लक्षिका 22वां जन्मदिन है, लेकिन एक दिन पहले उसे  ग्रामीणों ने जिंदगी का सबसे बड़ा तोहफा दिया है। हर कोई गांव में उसकी जीत का जश्न मना रहा है। जितनी मेहनत लक्षिका ने खुद चुनाव जीतने के लिए मेहनत की थी, उससे कहीं ज्यादा ग्रामीणों ने युवा महिला सरपंच के प्रचार-प्रसार में कोई कसर नहीं छोड़ी। अब वहीं ग्रामीणों ने ढोल ढमाकों के साथ गांव की बेटी का स्वागत किया। जीत दर्ज करने के बाद विजयी जुलूस भी निकला।

न्यूज एंकर और रेडियो जॉकी भी गांव की मुखिया लक्षिका
चिंतामन जवासिया की सरपंच बनने वाली लक्षिका ने पढ़ाई में पोस्ट ग्रेजुएशन किया हुआ है। उसने एमए मास कम्युनिकेशन एंड फैशन डिजाइन का कोर्स किया है। लक्षिका उज्जैनलोकल में न्यूज एंकर और रेडियो जॉकी का काम करती है। इसके अलावा वह अपने जिले के गांव में जाकर समाजसेवा का कार्य भी करती है। लक्षिका के पिता दिलीप डागर जिला सहकारी केंद्रीय बैंक भरतपुरी में रीजनल अधिकारी के पद पर हैं। वहीं परिवार में बड़े भाई और बहन ने भी हैं, जिन्होंने चुनाव के लिए सपोर्ट किया। जीत के बाद मीडिया से बात करते हुए लक्षिका डागर ने बताया कि गांव के विकास के लिए कार्य करना था। जब सरपंच के लिए पंचायत में अजा वर्ग की महिला के लिए आरक्षण हुआ, तभी लक्ष्य बना लिया था कि चुनाव लड़कर गांव की समस्या दूर करना है।

यह भी पढ़ें-मध्य प्रदेश में सरपंच बनने की खुशी में महिला की मौत, जश्न मनाकर ऐसा सोईं कि फिर नहीं खुली आंख

 

यह भी पढ़ें- MP Panchyat Election 2022: इन करोड़पति कैंडिडेट्स को मिली जीत, कोई बीई की पढ़ाई किया तो कोई केवल साक्षर

Share this article
click me!

Latest Videos

पनवेल में ISKCON में हुआ ऐसा स्वागत, खुद को रोक नहीं पाए PM Modi
Dehradun Car Accident: 13 दिन ली गई कार बनी 6 दोस्तों के लिए 'काल', सामने आया सबसे बड़ा सवाल
अब नहीं चलेगा मनमाना बुलडोजर, SC के ये 9 रूल फॉलो करना जरूरी । Supreme Court on Bulldozer Justice
'कांग्रेस को हिंदू भावनाओं की चिंता नहीं' क्या CM Yogi के इन सवालों का मिलेगा जवाब #Shorts
Maharashtra Election 2024: 'कटेंगे-बटेंगे' के खिलाफ बीजेपी में ही उठने लगे सवाल। Pankaja Munde