राज्य में दलित समाज कांग्रेस का वोट बैंक रहे हैं। महाराष्ट्र चुनाव आयोग के विधानसभा डाटा को देखें तो पता चलता है कि जिन 25 सीटों पर कांग्रेस एनसीपी के उम्मीदवार बीजेपी शिवसेना के उम्मीदवारों से पीछे रह गए, वहां हार जीत का अंतर वीबीए को मिले वोटों से बहुत कम था।
मुंबई। प्रकाश आंबेडकर के नेतृत्व में वंचित बहुजन आघाड़ी (VBA) ने इस बार चुनाव में बहुत उम्दा प्रदर्शन तो नहीं किया मगर उसकी मौजूदगी से एक बार फिर कांग्रेस और एनसीपी को तगड़ा नुकसान झेलना पड़ा है। वीबीए का कोर वोट दलित समाज है। आघाड़ी ने 235 सीटों पर उम्मीदवार उतारे थे। इनमें से 25 सीटों पर वीबीए की भूमिका महत्वपूर्ण रही।
ये वो 25 सीटें हैं जहां अगर वीबीए के उम्मीदवार नहीं होते तो शायद इसका फायदा कांग्रेस के गठबंधन को मिलता। महाराष्ट्र में नतीजों की सूरत कुछ और होती। माना भी जाता है कि राज्य में दलित समाज कांग्रेस का वोट बैंक रहे हैं। महाराष्ट्र चुनाव आयोग के विधानसभा डाटा को देखें तो पता चलता है कि जिन 25 सीटों पर कांग्रेस एनसीपी के उम्मीदवार बीजेपी शिवसेना के उम्मीदवारों से पीछे रह गए, वहां हार जीत का अंतर वीबीए को मिले वोटों से बहुत कम था। इन सीटों पर कांग्रेस एनसीपी और वीबीए को मिले वोट बीजेपी शिवसेना को मिले वोट से ज्यादा हैं।
इन 25 सीटों में बीजेपी ने सबसे ज्यादा 20 जबकि उसकी सहयोगी पार्टी शिवसेना ने 5 सीटें जीतने में कामयाबी हासिल की। ये 25 सीटें विपक्ष के लिए गेमचेंजर साबित हो सकती थीं। राज्य में भाजपा शिवसेना के गठबंधन ने 161 सीटों पर जीत हासिल की। जबकि कांग्रेस एनसीपी के गठबंध ने 102 सीटों पर जीत हासिल की। अगर भाजपा गठबंधन 25 सीटें हार जाता तो महाराष्ट्र में सत्ता पाने की कवायद बहुत दिलचस्प हो जाती।
इस स्थिति में ऐसी होती विधानसभा की सूरत
बीजेपी-शिवसेना : 161 - 25 = 136
कांग्रेस-एनसीपी: 102 + 25 = 127
अन्य : 25
बीजेपी की हालत होती और खराब
ऐसी हालत में जाहीर तौर पर बीजेपी की हालत और खराब होती। पार्टी के विधायकों की संख्या 85 और शिवसेना के विधायकों की संख्या 51 पर सिमट जाती। गठबंधन को बहुमत के लिए 9 और विधायकों की जरूरत पड़ती। बताते चलें कि 288 सदस्यों वाली महाराष्ट्र विधानसभा में बहुमत की संख्या 145 है।
ये हैं बीजेपी-सेना की वो सीटें जहां वीबीए ने काटे विपक्षी वोट
अकोला वेस्ट, अर्णी, बल्लारपुर, चिखली, चिमूर, धामनगांव रेलवे, खामगांव, नागपुर साउथ, पुणे कैंट, रालेगांव, शिवाजीनगर, तुलजापुर, यवतमाल, चालीसगांव, दौंड, गेवराई, जिंतूर, खड़कवासला, मल्सीरास, उल्हासनगर में बीजेपी के उम्मीदवार जीतें जबकि चांदीवली, चेंबूर, नांदेड़ नॉर्थ, उस्मानाबाद, पैठन में शिवसेना के उम्मीदवार चुनाव जीतने में कामयाब रहे।
इन सीटों पर दूसरे नंबर पर रही वीबीए
अकोला ईस्ट, अकोट, बल्लारपुर, बुलढाणा, कलमनौरी, लोहा, मुरीजापुर, सोलापुर सिटी नॉर्थ, वाशिम। वीबीए कई दर्जन सीटों पर वोट पाने के मामले में तीसरे नंबर पर रही।
वीबीए ने लोकसभा चुनाव ओवैसी की पार्टी के साथ मिलकर लड़ा था। उस दौरान भी इस मोर्चे ने सीट जीतने के साथ ही बड़े पैमाने पर वोट भी हासिल किए थे। हालांकि विधानसभा चुनाव से पहले ओवैसी मोर्चे से अलग हो गए।