आस्था के आड़े आ रहा कोरोना वायरस, शिर्डी परिक्रमा महोत्सव कराने वालों पर मामला दर्ज

कोरोना वायरस से निपटने के लिए लागू किये गये सामाजिक दूरी बनाये रखने संबंधी नियमों का उल्लंघन करने के लिए महाराष्ट्र के सातारा और शिर्डी में मामले दर्ज किये गये है।

Asianet News Hindi | Published : Mar 15, 2020 6:34 PM IST / Updated: Mar 16 2020, 12:07 AM IST

मुंबई. कोरोना वायरस से निपटने के लिए लागू किये गये सामाजिक दूरी बनाये रखने संबंधी नियमों का उल्लंघन करने के लिए महाराष्ट्र के सातारा और शिर्डी में मामले दर्ज किये गये है।

कलेक्टर ने सभा करने पर लगाई रोक

पुलिस ने रविवार को बताया कि इन लोगों ने 13 मार्च को एक धार्मिक कार्यक्रम का एक आयोजन किया था जिसमें पांच हजार से अधिक लोगों ने हिस्सा लिया था। ‘बावधन यात्रा संयोजन समिति’ ने सातारा के वाई में ‘बावधन यात्रा’ का आयोजन किया था। ये पांचों इसी समिति के सदस्य हैं। सातारा की पुलिस अधीक्षक तेजस्विनी सतपुते ने कहा कि  ‘‘कोरोना वायरस के प्रकोप के मद्देनजर कलेक्टर द्वारा इस तरह की सभाओं पर प्रतिबंध लगाये जाने संबंधी एक आदेश के बावजूद उन्होंने यात्रा का आयोजन किया जिसमें राज्य के विभिन्न भागों से 5,000 से अधिक लोगों ने भाग लिया था।’’

पुलिस ने इनकी पहचान राजेंद्र अबाजी भोसले (अध्यक्ष), दीपक दिलीप नानवरे (उपाध्यक्ष), अंकुश जगन्नाथ कुंभार (सचिव), सचिन अप्पासो भोसले (कोषाध्यक्ष) और संभाजी शिवाजी दाभाडे (सदस्य) के रूप में की गई।

इस मामले में अभी तक किसी को गिरफ्तार नहीं किया गया है

एक अधिकारी ने बताया कि इन लोगों के खिलाफ आईपीसी की धारा 188 और महाराष्ट्र पुलिस अधिनियम की धारा 153 के तहत मामला दर्ज किया गया है लेकिन अब तक किसी को गिरफ्तार नहीं किया गया है। कोरोना वायरस को रोकने के लिए सामाजिक दूरी बनाये रखने संबंधी नियमों का उल्लंघन कर ‘परिक्रमा’ आयोजित करने के लिए कुछ लोगों के खिलाफ अहमदनगर जिले के शिर्डी में एक मामला दर्ज किया गया है।

शिर्डी परिक्रमा महोत्सव समिति के आयोजक पर भी मामला दर्ज

एक अधिकारी ने बताया, ‘‘शिर्डी परिक्रमा महोत्सव समिति के आयोजक जितेन्द्र शेलके, अजीत संपतलाल पारख और खांडिबा मंदिर के महोत्सव समिति के सदस्यों के खिलाफ एक प्राथमिकी दर्ज की गई है। उन्होंने अनुमति नहीं होने के बाद भी परिक्रमा का आयोजन किया। हमने कोई गिरफ्तारी नहीं की है।’’

(ये खबर पीटीआई/भाषा की है। हिन्दी एशियानेट न्यूज ने सिर्फ हेडिंग में बदलाव किया है।)

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