'विधानसभा' में पुलिस से मारपीट करने पर सस्पेंड हुआ था BJP का एमएलए, सबूत नहीं मिलने पर हुआ बरी

मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस कैबिनेट में दिग्गज युवा मंत्री जय कुमार रावल एक बार फिर से शिंदखेड़ा से जीत गए हैं।

Asianet News Hindi | Published : Oct 24, 2019 4:44 AM IST / Updated: Oct 24 2019, 05:07 PM IST

शिंदखेड़ा/धुलिया/मुंबई। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस कैबिनेट में दिग्गज युवा मंत्री जय कुमार रावल एक बार फिर से शिंदखेड़ा से जीत गए हैं। रावल के पास टूरिज्म, फूड और ड्रग का पोर्टफोलियो है। शिंदखेड़ा धुलिया जिले की विधानसभा सीट है। 2009 से ही यहां बीजेपी की पकड़ काफी मजबूत रही है।

2014 के चुनाव में रावल ने एनसीपी के उम्मीदवार को 42 हजार मतों से हराकर ये सीट जीती थी। इससे पहले 2009 में उन्होंने कांग्रेस के उम्मीदवार को 50 हजार मतों से हराकर ये सीट हासिल की थी।

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जयकुमार को बीजेपी के जोशीले नेताओं में गिना जाता है। भारतीय जनता युवा मोर्चा के जरिए राजनीति में आए 44 साल के इस नेता का नाम कई विवादों से भी जुड़ा। इसमें से एक चर्चित मामला महाराष्ट्र विधानसभा परिसर में पुलिस अफसर के साथ मारपीट का है। इस मामले में रावल के साथ पांच विधायकों को साल भर के लिए सस्पेंड करने की कार्रवाई भी की गई थी। हालांकि बाद में पांचों निलंबित विधायकों पर से प्रतिबंध का मामला हटा दिया गया था।

क्या था मामला ?

आरोप था कि विधायकों ने ट्रैफिक पुलिस एपीआई सचिन सूर्यवंशी के साथ मारपीट की। तत्कालीन कांग्रेस-एनसीपी सरकार में आरोपी विधायकों को दिसंबर 2013 तक के लिए निलंबित किया गया था। इस मामले में पुलिस ने केस भी दर्ज किया था। मारपीट करने वाले अन्य आरोपी विधायकों में मनसे के राम कदम, बहुजन विकास अघाड़ी के क्षितिज ठाकुर, शिवसेना के प्रदीप जायसवाल और शिवसेना के ही राजन सालवी का भी नाम शामिल था। विवाद एक विधायक की गाड़ी का चालान काटने के बाद हुई थी।

भड़के विधायकों ने इंस्पेक्टर सूर्यवंशी को विधानसभा में तलब कर लिया था। इसी दौरान इंस्पेक्टर की पिटाई हुई थी। पुलिस को CCTV की दो क्लिप भी सौंपी गई थी। सीसीटीवी तस्वीरों के आधार पर ही विधायकों को सस्पेंड किया गया था। हालांकि बाद में हुई जांच में विधायकों के खिलाफ सुबूत नहीं मिला जिसके बाद मामला हटा दिया गया था।  

(हाई प्रोफाइल सीटों पर हार-जीत, नेताओं का बैकग्राउंड, नतीजों का एनालिसिस और चुनाव से जुड़ी हर अपडेट के लिए यहां क्लिक करें)

पद्मावत को बैन करने की मांग

जयकुमार रावल का नाम पद्मावत विवाद में भी सामने आया था। फडणवीस सरकार में पहली बार मंत्री बने इस नेता ने इतिहास के गलत चित्रण की बात करते हुए दीपिका पादुकोण, रणवीर सिंह और शाहिद कपूर स्टारर फिल्म पर बैन लगाने की मांग की थी। उन्होंने कहा था कि संजय लीला भंसाली पद्मावत से आपत्तिजनक सीन हटाए। रावल ने इस बारे में सेंसर बोर्ड को भी एक लेटर लिखा था।

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